टीम की हुई फजीहत लेकिन फिर भी विराट कोहली ने रच दिया इतिहास
ऐसा नहीं है कि हैडिग्ले टेस्ट का पहला दिन भारतीय कप्तान विराट कोहली और पूरी टीम के लिए पूरी तरह से कभी न भूलने वाला दिन साबित हुआ हो।
ऐसा नहीं है कि हैडिग्ले टेस्ट का पहला दिन भारतीय कप्तान विराट कोहली और पूरी टीम के लिए पूरी तरह से कभी न भूलने वाला दिन साबित हुआ हो। विराट बेशक बैटिंग में मात्र 7 रन बनाकर अनुभवी तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन की गेंद पर विकेटकीपर जोस बटलर के हाथों लपके गए हों, लेकिन उन्होंने 7 रन के दौरान ही वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप में अपने एक हजार रन पूरे कर लिए हैं। विराट के नाम अब टेस्ट टीम के उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे और सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा के बाद भारत की तरफ से इस चैम्पियनशिप में एक हजार रन बनाने का रिकॉर्ड दर्ज हो गया है। विराट ने टेस्ट चैम्पियनशिप के पहले एडीशन में कुल 934 रन बनाए थे।
हैडिंग्ले में भारतीय कप्तान ने उस समय क्रीज पर कदम रखा, जब टीम पिछले मैच के शतकवीर केएल राहुल और टेस्ट स्पेशलिस्ट चेतेश्वर पुजारा के विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही थी। टीम और करोड़ों भारतीय फैन्स को उस समय यह उम्मीद थी कि विराट के बल्ले से यहां बड़ी पारी निकलेगी और वे पिछले दो साल का शतक का सूखा खत्म करेंगे। लेकिन उनके इन अरमानों पर एंडरसन ने पारी फेर दिया, जिन्होंने एक खूबसूरत आउट स्विंग गेंद पर कोहली को बटलर के हाथों कैच करवाया।
आलम यह है कि लगातार रनों के लिए जूझ रहे विराट को पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर से मदद लेने की सलाह दी है। गावस्कर ने कहा कि, 'विराट को तुरंत सचिन को कॉल कर उनसे पूछना होगा कि मुझे क्या करना चाहिए? वही करो जो सचिन ने सिडनी टेस्ट में किया था। खुद से कहो कि मैं कवर ड्राइव नहीं लगाऊंगा।' बता दें कि कोहली इस सीरीज में दूसरी बार एंडरसन का शिकार बने हैं। कोहली तीन टेस्ट मैचों की चार पारियों में अब तक केवल 69 रन ही बना पाए हैं।