मोहम्मद सिराज के साथ ऐसी नाइंसाफी नहीं कर सकती टीम इंडिया, अब तो हक देना ही होगा

Update: 2023-07-25 12:02 GMT
नई दिल्ली। बॉलीवुड का वो गाना है ना- साडा हक़, एत्थे रख. टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज पर अभी के लिए बिल्कुल परफेक्ट है. सिराज को भी अब अपना हक चाहिए. वो जगह चाहिए जिसके वो हकदार हैं. सबसे बड़े दावेदार हैं. वो इसलिए क्योंकि हर मैच, हर फॉर्मेट के साथ वो खुद को साबित कर रहे हैं. गेंद का रंग बदल रहा है पर सिराज का अंदाज और मिजाज नहीं. सफेद जर्सी वाली क्रिकेट हो या नीले रंग में रंगी, सिराज ने टीम इंडिया के लिए हर रंग को अपना बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. अब इतने के बाद हक तो देना ही पड़ेगा.
अब आप सोच रहे होंगे कि वो कौन सा हक है, जिसके नहीं मिलने से मोहम्मद सिराज के साथ नाइंसाफी हो जाएगी? तो ये हक जुड़ा है BCCI के कॉन्ट्रेक्ट से. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की कॉन्ट्रेक्ट लिस्ट में टीम इंडिया के खिलाड़ियों को A+, A, B और C जैसे 4 ग्रेड में बांटा जाता है. हर ग्रेड के लिए खिलाड़ियों को सालाना अलग-अलग रकम मिलती है, जो कि करोड़ों में होती है. सिराज का भी BCCI से करार है और उन्हें अभी ग्रेड B में रखा गया है. ग्रेड B में होने का मतलब है 3 करोड़ रुपये सालाना.
अब सिराज को जिस हक के मिलने की बात हम कर रहे हैं, उसकी कड़ी इसी से जुड़ी है. दरअसल, जिस तरह का दमदार परफॉर्मेन्स वो लगातार कर रहे हैं. हर फॉर्मेट में टीम इंडिया के लिए खुद को मैच विनर के तौर पर निखार रहे हैं, उसके बाद यही कहा जा सकता है कि उनका हक ग्रेड B नहीं बल्कि A+ है, जहां तीन की जगह 7 करोड़ रुपये सालाना मिलते हैं.
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