TATA IPL 2022 : कोरोना के चलते आईपीएल भारत, UAE के बदले साउथ अफ्रीका में हो सकता है, श्रीलंका भी है रेस में
भारतीय टीम फिलहाल साउथ अफ्रीकी दौरे पर है। टेस्ट के बाद वहां तीन मैच की वनडे सीरीज भी खेली जानी है। टूर के बाद जब सारे टॉप क्रिकेटर्स स्वदेश लौटेंगे तो शायद भारत में कोरोना की तीसरी लहर अपने शबाब पर होगी। इन सारे हालातों पर बीसीसीआई की भी पैनी नजर है। ऐसे में आईपीएल 2022 को लेकर प्लान बी पर भी काम किया जा रहा है। खबर है कि इस बार यूएई की जगह साउथ अफ्रीका या श्रीलंका में टूर्नामेंट हो सकता है।
साउथ अफ्रीका का नाम सबसे ऊपर
आईपीएल 2022 यानी 15वां सीजन कई मायनों में खास होने वाला है। टीमों की संख्या 8 से बढ़कर 10 हो चुकी है। बहुत से खिलाड़ी नई टीम से खेलते नजर आएंगे क्योंकि इस बार मेगा ऑक्शन होगा। देश में अगर कोरोना से हालात बदतर होते हैं और आईपीएल को विदेश में शिफ्ट करना ही एकमात्र विकल्प नजर आता है तो ऐसे में भारतीय बोर्ड साउथ अफ्रीका को पहली पसंद बनाएगा, जहां 2009 का दूसरा संस्करण भी खेला गया था क्योंकि तब देश में आमचुनाव थे।
इस बार यूएई क्यों नहीं?
फिलहाल भारत में कोरोना तेजी से अपने पांव पसार रहा है। मुंबई, दिल्ली जैसे महानगर में तो यह पूरी तरह फैल ही चुका है। घरेलू क्रिकेट के कई टूर्नामेंट बीसीसीआई ने एक के बाद एक स्थगित कर दिए। बीसीसीआई के एक सूत्र ने बताया कि, 'पिछले दो साल से महामारी के चलते टूर्नामेंट यूएई में करवाना पड़ा। इस बार हम खाड़ी देश से बाहर टूर्नामेंट ले जाना चाहते हैं। सिर्फ एक देश पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। हमने और विकल्प तलाशने का फैसला किया है।
शाम साढ़े सात बजे से नहीं होगें मैच?
भारत का टाइम जोन साउथ अफ्रीका से साढ़े तीन घंटे आगे है। संयुक्त अरब अमीरात या भारत के विपरीत, आईपीएल खेलों में रात के मैच जल्दी शुरू करने होंगे। यदि ब्रॉडकास्टर्स अपने पसंदीदा वक्त शाम 7.30 बजे पर टिके रहते हैं, तो दक्षिण अफ्रीका में खेल की पहली गेंद शाम 4 बजे फेंकी जाएगी। पिछले कुछ साल में खिलाड़ियों ने अक्सर मुकाबले के आधीरात के बाद खत्म होने की शिकायत की है। लगातार हवाई यात्रा के साथ-साथ खिलाड़ी ऐसे टाइट शेड्यूल से थक जाते हैं।
पड़ोसी मुल्क श्रीलंका भी दावेदार
2020 में भी श्रीलंका आईपीएल करवाने का सबसे बड़ा दावेदार था। कोरोना के कम मामलों से लेकर भारत से कम दूरी ने उसे एक प्रीमियम ऑप्शन बनाया था। लॉजिस्टिक भी एक बड़ा मुद्दा था। श्रीलंका बोर्ड बीसीसीआई से लगातार संपर्क में था, लेकिन एन मौके पर यूएई ने बाजी मार ली थी। इस बार श्रीलंका को बतौर विकल्प लेकर चला जा रहा है।