मेलबर्न। कप्तान बाबर आजम की निगाहें रविवार को यहां टी20 विश्व कप फाइनल में फॉर्म में चल रही इंग्लैंड के खिलाफ अपनी टीम को जीत दिलाकर पाकिस्तान क्रिकेट के 'हॉल ऑफ फेम' में महान क्रिकेटर इमरान खान के साथ शामिल होने पर लगी होंगी.
हालांकि 2009 की चैम्पियन का फाइनल तक का सफर किसी रोमांचक 'स्क्रिप्ट' से कम नहीं रहा जिसमें वह टूर्नामेंट के पहले हफ्ते में बाहर होने के करीब पहुंच गये थे जिसमें चिर प्रतिद्वंद्वी भारत और जिम्बाब्वे से मिली मनोबल गिराने वाली हार का अहम योगदान रहा. पर टूर्नामेंट के दूसरे हफ्ते में पाकिस्तान ने नाटकीय वापसी की और दक्षिण अफ्रीका पर जीत से उम्मीदें बढ़ा दीं.
पाकिस्तानी प्रशंसकों की दुआओं ने असर दिखाआ जिससे फिर 1992 जैसा चमत्कार हुआ और नीदरलैंड ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दक्षिण अफ्रीका को हराकर उलटफेर करते हुए बाहर दिया जिससे पाकिस्तानी टीम सेमीफाइनल में पहुंचने की दौड़ में शामिल हो गयी.
क्रिकेट में आलोचक कहते हैं कि आप खेल में कुछ नहीं कह सकते. पाकिस्तान ने सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ बेहतरीन खेल दिखाया और साबित किया कि जब मुकाबला दबाव भरा हो तो वह किसी से कम नहीं ठहरती. अब प्रशंसकों की उम्मीदें बाबर की टीम से 1992 जैसा करिश्मा दोहराने पर लगी हैं.
लेकिन इंग्लैंड की टीम का भी इसी आस्ट्रेलियाई सरजमीं पर इतिहास जुड़ा हुआ है. सात साल पहले यहीं पर इंग्लैंड का सफेद गेंद का क्रिकेट तार तार हुआ था जब बांग्लादेश ने उन्हें ग्रुप चरण में टूर्नामेंट से बाहर कर दिया था. इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट (ईसीबी) की तमाम कोशिशों के बाद ही उनके सफेद गेंद के क्रिकेट में बदलाव शुरू हुआ जिससे टीम के खिलाड़ियों के जज्बे में बदलाव आया. भारत के खिलाफ गुरूवार को सेमीफाइनल में उनका यही निडर रवैया साफ देखने को मिला.
इंग्लैंड के जोस बटलर, एलेक्स हेल्स, बेन स्टोक्स और मोईन अली जैसे धुरंधरों को पीछे छोड़ने के लिये शाहीन शाह अफरीदी, मोहम्मद वसीम जूनियर और हैरिस रऊफ को प्रेरणादायी जज्बे से अधिक बेहतर प्रदर्शन करना होगा. इंग्लैंड के टी20 क्रिकेट के इन अनुभवी खिलाड़ियों और टीम के अन्य सभी क्रिकेटरों में पाकिस्तान के 80,000 के करीब दर्शकों को चुप करने की काबिलियत है जैसा उन्होंने एडीलेड में 42,000 भारतीय दर्शकों को निराश कर किया था.
क्या अफरीदी इस मैच में वसीम अकरम जैसी गेंदबाजी कर सकते हैं जब बटलर बल्लेबाजी कर रहे हों? या फिर बाबर और रिजवान में बल्लेबाजी में वैसी ही गहराई दिखाने की काबिलियत है जो इमरान खान और जावेद मियांदाद ने 1992 फाइनल में दिखायी थी. बड़े मुकाबलों में हमेशा एक खिलाड़ी आकर्षण का केंद्र बनता है और स्टोक्स 2019 लार्ड्स के प्रदर्शन को दोहराकर फिर टीम की आंखों का तारा बनना चाहेंगे. मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार फाइनल में रविवार और सोमवार को 'रिजर्व डे' (सुरक्षित दिन) पर बारिश का साया मंडरा रहा है.
सामान्य टी20 मैच में न्यूनतम पांच ओवर का मुकाबला कराया जा सकता है लेकिन विश्व कप में तकनीकी समिति ने प्रत्येक टीम के लिये न्यूनतम 10 ओवर का प्रावधान रखा है जिसमें अगर जरूरत पड़ी तो 'रिजर्व डे' पर मैच जल्दी शुरू होगा. हार्दिक पंड्या ने भले ही क्रिस जोर्डन के खिलाफ आक्रामक बल्लेबाजी की हो लेकिन वह टी20 के एक अच्छे गेंदबाज हैं और उन्हें पाकिस्तानी बल्लेबाजों के खिलाफ अपने बिग बैश लीग के अपार अनुभव का बेहतर तरीके से इस्तेमाल करना होगा.
अगर दोनों टीमों की बल्लेबाजी इकाई को देखा जाये तो इंग्लैंड में हेल्स, बटलर, स्टोक्स, फिल सॉल्ट (डेविड मलान की जगह), हैरी ब्रुक, मोईन अली और लियाम लिविंगस्टोन शामिल हैं जो कागज पर पाकिस्तान के रिजवान, बाबर, शान मसूद, मोहम्मद हारिस और इफ्तिखार अहमद के खिलाफ काफी मजबूत दिखते हैं. लेकिन बड़े मैचों में हमेशा बड़े नाम ही मायने नहीं रखते बल्कि मानसिकता और जज्बा लक्ष्य तक पहुंचाने में अहम होता है.
इंग्लैंड:
जोस बटलर (कप्तान), एलेक्स हेल्स, फिल सॉल्ट, हैरी ब्रुक, लियाम लिविंगस्टोन, आदिल राशिद, मोईन अली, बेन स्टोक्स, डेविड विली, क्रिस वोक्स, क्रिस जोर्डन, डेविड मलान, सैम कुरेन, मार्क वुड, टाइमल मिल्स.
पाकिस्तान:
बाबर आजम (कप्तान), मोहम्मद रिजवान, शान मसूद, इफ्तिखार अहमद, मोहम्मद हारिस, खुशदिल शाह, आसिफ अली, हैदर अली, मोहम्मद वसीम, नसीम शाह, हारिस रऊफ, शादाब अहमद, मोहम्मद नवाज, शाहीन शाह अफरीदी, मोहम्मद हसनैन.
मैच भारतीय समयानुसार दोपहर 1.30 बजे शुरू होगा.