सुरेश रैना का अनुभव CSK के लिए काम आएगा: सुनील गावस्कर

अंक तालिका में शीर्ष दो स्थानों में जगह बनाने का सबसे बड़ा फायदा यही है कि इन दोनों टीमों के बीच होने वाले मैच में हारने वाली टीम को फाइनल में जाने का एक और मौका मिलेगा। यही वजह है

Update: 2021-10-09 14:10 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क  |    अंक तालिका में शीर्ष दो स्थानों में जगह बनाने का सबसे बड़ा फायदा यही है कि इन दोनों टीमों के बीच होने वाले मैच में हारने वाली टीम को फाइनल में जाने का एक और मौका मिलेगा। यही वजह है कि जब टीमें क्वालीफाई कर जाती हैं तब भी वे लापरवाही नहीं बरततीं और शीर्ष दो में जगह बनाने के लिए अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम ही मैदान पर उतारतीं हैं। कई बार शीर्ष दो और तीसरे नंबर की टीम की जगह नेट रन रेट से तय होती है और ये भी एक बड़ी वजह है कि टीमें अपनी सर्वश्रेष्ठ अंतिम एकदाश को को खिलाती हैं। इस बार भी दूसरे और चौथे नंबर की टीमों की स्थिति अंकों के मामले में बराबर थीं लेकिन नेट रन रेट ने चेन्नई को बेंगलुरु और कोलकाता को मुंबई से आगे कर दिया। अच्छे कप्तान और अच्छे कोच इस तरह की परिस्थितियों और संभावनाओं को हमेशा अपने दिमाग में रखते हैं।

पहला क्वालीफायर उन दो टीमों के बीच है जिन्होंने लीग चरण में अपने-अपने आखिरी मुकाबले हारे थे। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या ये टीमें अपनी लय से भटक सकती हैं। जहां तक चेन्नई की बात है तो इस टीम को अपने पिछले कुछ मुकाबलों में मात मिली और वो भी इसलिए क्योंकि टीम के अनुभवी क्रिकेटरों ने अपेक्षाओं के अनुरूप प्रदर्शन नहीं किया। और जब टीम दिल्ली के खिलाफ मैदान में उतरेगी तो खिलाडि़यों के मन में कहीं न कहीं ये बात जरूर होगी। दिल्ली और बेंगलुरु दो ऐसी टीमें हैं जो फार्म में हैं और भले ही दिल्ली को बेंगलुरु के हाथों आखिरी गेंद पर मात मिली लेकिन टीम के पास गेंद और बल्ले से इतनी फायरपावर है कि टीम दिल तोड़ने वाली हार से मजबूत वापसी करने की क्षमता रखती है।
रिषभ पंत सकारात्मक और आगे की ओर देखने वाले क्रिकेटर हैं और वो ये जरूर सीखेंगे कि जब आप लक्ष्य का बचाव कर रहे हों तो आखिरी ओवरों में अपने दो सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों से गेंदबाजी करानी चाहिए। ऐसे में एनरिक नोत्र्जे और कैगिसो रबादा दो ऐसे अनुभवी गेंदबाज थे जिन्हें आखिरी ओवरों में मोर्चे पर लगाया जाना चाहिए था। आवेश खान अच्छे उभरते खिलाड़ी हैं जिनके पास तेजी भी है लेकिन मुश्किल हालात में अधिक अनुभवी दक्षिण अफ्रीकी खिलाडि़यों की जोड़ी के साथ जाना ज्यादा बेहतर होता।
अनुभव की बात करें तो चेन्नई की टीम प्लेआफ की अंतिम एकादश में सुरेश रैना की वापसी पर विचार कर रही होगी। रैना मैच विनर हैं। बेशक पिछले कुछ सालों में उन्हें तेज गेंदबाजों के खिलाफ खासतौर पर संघर्ष करना पड़ा है, लेकिन उनमें मैच का रुख बदलने का माद्दा है। बेशक नोत्र्जे, रबादा, और आवेश उनका इम्तिहान लेंगे लेकिन ये चांस लेकर टीम को फाइनल में ले जाने का मौका बन सकता है तो इसमें बुराई नहीं है। दिल्ली ने इस सत्र में चेन्नई को दोनों मुकाबलों में मात दी है। तो क्या चेन्नई की टीम तीसरी बार भाग्यशाली साबित होगी?


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