स्टार्क ने अब बताया कि वह क्यों आईपीएल 2022 नीलामी में नहीं हुए शामिल
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने एक बार फिर से दुनिया की सबसे महंगी लीग आईपीएल से खुद को दूर रखा है
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने एक बार फिर से दुनिया की सबसे महंगी लीग आईपीएल से खुद को दूर रखा है। हाल में ऑस्ट्रेलियाई मेंस क्रिकेट में सर्वोच्च व्यक्तिगत पुरस्कार एलन बॉर्डर मेडल जीतने वाले स्टार्क IPL 2022 मेगा ऑक्शन में शामिल होने से बस एक क्लिक दूर थे। लेकिन एक बार उन्होंने इस लीग में नहीं खेलने का फैसला किया। ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज अबतक केवल दो सीजन ही आईपीएल में खेले हैं। स्टार्क ने अब बताया है कि वह क्यों आईपीएल 2022 नीलामी में शामिल नहीं हुए।
स्टार्क ने उन्होंने 'ईएसपीएन.इन' से बातचीत में कहा कि उन्होंने अंतिम समय में आईपीएल नीलामी से बाहर होने का विकल्प चुना क्योंकि वह बायो-बबल में और 22 सप्ताह नहीं बिताना चाहते थे। उन्होंने कहा, 'मैं नीलामी में शामिल होने से बस एक 'क्लिक' दूर था, लेकिन मैं व्यक्तिगत रूप से 22 सप्ताह और बायो-बबल में नहीं बिताना चाहता था। ऐसा समय भी आएगा जब मैं आईपीएल में वापस जाना पसंद करूंगा लेकिन ऑस्ट्रेलिया के लिए जितना हो सके उतना अधिक खेलना चाहता हूं, यह एक ऐसा निर्णय है जो मैंने कुछ समय के लिए लिया है।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (RCB) के इस पूर्व खिलाड़ी ने अब तक आईपीएल के केवल दो सीजन में ही भाग लिया है। उन्होंने इस दौरान 27 मैचों में 37 विकेट हासिल किए हैं। स्टार्क के लिए 2018 में कोलकाता नाइट राइडर्स ने 9.4 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी लेकिन सीजन की शुरुआत से कुछ सप्ताह पहले दक्षिण अफ्रीका दौरे पर लगी चोट के कारण उन्हें बाहर होना पड़ा था।
32 साल के खिलाड़ी ने कहा कि कुछ समय पहले ही वह खेल छोड़ने की कगार पर थे क्योंकि वह अपने स्तर के तेज गेंदबाज के मुताबिक विकेट नहीं ले पा रहे थे और अधिक रन लुटा रहे थे। मैदान के बाहर वह अपने पिता के कैंसर से पीड़ित होने के कारण परेशान थे। भारत के खिलाफ घरेलू सीरीज में खराब प्रदर्शन के बाद भी स्टार्क टीम में अपनी जगह बचाने में सफल रहे थे लेकिन उन्होंने इस दौरान अपने पिता को इस खतरनाक बीमारी से खो दिया।
स्टार्क ने कहा, 'जाहिर है कि पिछला साल मैदान पर और बाहर विशेष रूप से कठिन था। मैं शायद वह क्रिकेट नहीं खेल पाया जो मैं चाहता था और कुछ ऐसे भी पल आये जब मैं शायद क्रिकेट बिल्कुल भी नहीं खेलना चाहता था।' उन्हें भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। उन्होंने इस सीरीज में 40.72 की औसत से सिर्फ 11 विकेट चटकाए थे। उन्होंने हालांकि एशेज सीरीज में शानदार वापसी करते हुए 25.37 की औसत से 19 विकेट लिए और टीम को यादगार जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।