BJP में शामिल नहीं होने की वजह से सौरव गांगुली को दोबारा BCCI अध्यक्ष पद नहीं दिया गया

Update: 2022-10-12 05:21 GMT

बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने जिस तरह से खुद को बीसीसीआई अध्यक्ष पद की रेस से बाहर कर लिया है, उसके बाद माना जा रहा है कि रोजर बिन्नी उनकी जगह ले सकते हैं। इस बीच तृणमूल कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला है। टीएमसी ने आरोप लगाया है कि सौरव गांगुली ने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से इनकार कर दिया, इसलिए उन्हें बीसीसीआई अध्यक्ष का दूसरा कार्यकाल नहीं दिया जा रहा। भाजपा उन्हें नीचा दिखाना चाह रही है क्योंकि वह उन्हें अपनी पार्टी में शामिल नहीं कर सकी।

टीएमसी के प्रवक्ता कुनाल घोष ने कहा कि भाजपा ने लोगों के बीच पिछले साल यह संदेश फैलाने की कोशिश की कि सौरव गांगुली भाजपा में शामिल हो रहे हैं। पिछले साल चुनाव से पहले भाजपा ने यह कोशिश की थी। सौरव गांगुली यहां काफी लोकप्रिय हैं, यही वजह है कि भाजपा ने यह प्रचार किया था कि सौरव भाजपा में शामिल हो सकते हैं। सौरव गांगुली को दूसरा कार्यकाल नहीं दिया जाना राजनीतिक बदले का स्पष्ट उदाहरण है, अमित शाह के बेटे जय शाह बीसीसीआई के सचिव बने रहेंगे, लेकिन सौरव गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष नहीं रहेंगे।

वहीं भारतीय जनता पार्टी ने टीएमसी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे निराधार बताया है। भाजपा की ओर से कहा गया है कि हमने कभी भी सौरव गांगुली को अपनी पार्टी में शामिल करने की कोशिश नहीं की। बता दें कि रोजर बिन्नी जोकि 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा थे, उन्होंने मंगलवार को अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन भर दिया है। 18 अक्टूबर को एजीएम की बैठक में उनके नाम पर मुहर लग सकती है। इसके अलावा जय शाह ने भी बीसीसीआई सेक्रेटरी पद के लिए अपना नामांकन भर दिया है। माना जा रहा है कि जय शाह आईसीसी बोर्ड के सदस्य के तौर पर भारत के प्रतिनिधि के तौर पर सौरव गांगुली की जगह ले सकते हैं।

Sourav Ganguly was not given the post of BCCI President again for not joining the BJP

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