नई दिल्ली (आईएएनएस)| भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली जल्द ही बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से हटने जा रहे हैं। बोर्ड में उन्हें कोई सहयोग नहीं मिला हैं और वह कथित तौर पर एक 'निराशाजनक' स्तर पर अपना कार्यकाल समाप्त कर रहे हैं।
आगामी बीसीसीआई एजीएम और 18 अक्टूबर को होने वाले चुनावों के दौरान, गांगुली और जयेश जॉर्ज, संयुक्त सचिव को छोड़कर, निवर्तमान प्रशासन के अधिकांश सदस्य नई व्यवस्था में जगह पाने के लिए तैयार हैं और गांगुली निश्चित रूप से पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम से खुश नहीं हैं।
भारत के पूर्व आलराउंडर रोजर बिन्नी ने मंगलवार को बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया और उनके निर्विरोध चुने जाने की संभावना है, क्योंकि अब तक किसी अन्य उम्मीदवार ने नामांकन दर्ज नहीं किया है।
एक सामान्य प्रथा के रूप में, निवर्तमान बीसीसीआई अध्यक्ष आगामी बोर्ड प्रमुख के नाम का प्रस्ताव रखता है , लेकिन निराश गांगुली ने बिन्नी के साथ ऐसा नहीं किया। क्रिकबज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व क्रिकेटर मंगलवार को मुख्य रूप से बोर्ड के कार्यालय में थे, जबकि अन्य नामांकन प्रक्रिया में शामिल थे।
बीसीसीआई कार्यालय में मौजूद एक सदस्य ने कहा, "वह स्पष्ट रूप से परेशान और निराश दिख रहे थे।"
नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद 50 वर्षीय पूर्व खिलाड़ी बीसीसीआई कार्यालय छोड़ने वाले आखिरी व्यक्ति थे। बीसीसीआई कार्यालय के बाहर भी राज्य में गांगुली के तत्काल भविष्य को लेकर चर्चांए हो रही है।
गांगुली के प्रतिष्ठित पोस्ट पर जारी न रहने की एक वजह भारतीय क्रिकेट बोर्ड के प्रायोजक हैं जो गांगुली से खुश नहीं हैं क्योंकि वह प्रतिद्वंद्वी ब्रांड का प्रचार करते हैं। इस मामले पर सदस्यों के बीच कई बार चर्चा हो चुकी है।
ओवरआल , बीसीसीआई अब गांगुली से आगे बढ़ता दिखाई दे रहा है जिसका मतलब है कि कि वह आईसीसी चेयरमैन पद के लिए भी उमीदवार नहीं होंगे जिसका चुनाव अगले महीने है।
यह भी समझा जाता है कि गांगुली को आईपीएल चेयरमैन की पेशकश की गयी लेकिन बीसीसीआई का अध्यक्ष पद संभालने के बाद वह उसकी एक उप समिति के प्रमुख बनने के लिए तैयार नहीं हुए।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ हमारी टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.