लघु और मध्यम उद्योगों ने 3 नोडल एजेंसियों को कोयला नहीं देने का दिया आदेश

गुजरात में लघु और मध्यम उद्योगों के लिए जारी लाखों टन कोयले की हेराफेरी करने वाली तीन नोडल एजेंसियों को कोयला नहीं देने के आदेश जारी हुए हैं

Update: 2022-03-02 11:30 GMT

गुजरात में लघु और मध्यम उद्योगों के लिए जारी लाखों टन कोयले की हेराफेरी करने वाली तीन नोडल एजेंसियों को कोयला नहीं देने के आदेश जारी हुए हैं। यह फैसला भास्कर द्वारा उस खुलासे के बाद सामने आया है, जिसमें बताया गया था कि कैसे गुजरात सरकार द्वारा तय की गई नोडल एजेंसियां लाखों टन सब्सिडी वाले कोयले की एमपी महाराष्ट्र में तीन-चार गुना दामों पर बेच रही हैं।

यही नहीं, खुलासे के बाद केंद्र सरकार की आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने लंबे समय से लंबित सिंगल विंडो सिस्टम पर भी मुहर लगा दी है। इन दोनों निर्णय के चलते केंद्र और राज्य सरकारों को कई करोड़ का अतिरिक्त राजस्व मिलना तय है। इस संबंध में कोल इंडिया के महाप्रबंधक विपणन द्वारा वेस्टर्न कोलफील्ड के एरिया मैनेजरों को पत्र भी भेजा गया है।
लिखे गए पत्र में कहा है कि वह गुजरात सरकार द्वारा नामित तीन नोडल एजेंसियों को कोयले की सप्लाय तत्काल प्रभाव से रोक दें। पत्र में गुजरात सरकार द्वारा भेजे गए पत्र का हवाला दिया गया है कि इन 3 नोडल एजेंसियों को हटा दिया गया है। गौरतलब है दूसरे राज्यों ने जहां लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए सब्सिडी वाला कोयला देने के लिए राज्य के लघु उद्योग निगमों को नोडल एजेंसी बनाया था।
वहीं, गुजरात सरकार ने सरकारी के बजाय निजी एसोसिएशन को नोडल एजेंसी बना दिया था। सरकार ने 2008 से मुख्यतः काठियावाड़ कोल एंड कोक कंज्यूमर एसोसिएशन, साउथ गुजरात फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रीज, गुजरात कोल एंड कोक ट्रेडर्स एसोसिएशन को नोडल एजेंसी बना रखा था। इन एजेंसियों को मध्यप्रदेश की खदानों से लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए जारी सब्सिडी वाला कोयला 2500 से 3200 प्रति टन में एलॉट होता था।
एजेंसियां कोयले को गुजरात के एमएसएमई को देने के बजाय मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र में ही 8-9 हजार प्रति टन में ठिकाने लगा देती थी। एक अनुमान के मुताबिक यह नोडल एजेंसियां 14 सालों में लगभग 60 लाख टन कोयले को खुले बाजार में ठिकाने लगा सरकार को हजारों करोड़ का चूना लगा चुकी हैं।
कोल माफिया की नहीं चली, लागू हुआ सिंगल विंडो सिस्टम
भास्कर द्वारा मुद्दा उठाने के चार दिन बाद ही प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने कोयला नीलामी के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू करने का निर्णय पारित कर दिया। इससे देशभर के सभी कोयला व्यापारियों को एक समान अवसर मिलेगा, वही अवैध व्यापार पर लगाम भी लगेगी। यही नहीं सरकार और कोल इंडिया के राजस्व में भी लगभग 20% राजस्व बढ़ोतरी का अनुमान है।


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