किताब में चौंकाने वाला खुलासा, क्रिकेट मैच से पहले भारतीय खिलाड़ियों को मिलती थी सेक्स की सलाह
नई दिल्ली. टीम इंडिया के पूर्व मेंटल कंडिशनिंग कोच पैडी अप्टन (Paddy Upton) ने अपनी किताब 'द बेयरफुट कोच' में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. अप्टन के मुताबिक उन्होंने भारतीय खिलाड़ियों (Indian Cricket Players) को मैच से पहले सेक्स करने की सलाह दी थी. अप्टन ने अपनी किताब में आगे लिखा है कि उनकी इस सलाह से तत्कालीन कोच गैरी कर्स्टन (Gary Kirsten) नाराज हो गए थे. बाद में अप्टन को इसके लिए माफी मांगनी पड़ी. दक्षिण अफ्रीका के पूर्व सलामी बल्लेबाज गैरी कर्स्टन के नेतृत्व में ही भारतीय टीम ने साल 2011 का वनडे वर्ल्ड कप जीता था.
उन्होंने यह भी लिखा है कि 2009 में चैंपियंस ट्रॉफी की तैयारी के दौरान वह खिलाड़ियों के लिए नोट्स तैयार कर रहे थे. उन्होंने सेक्स के फायदे का विस्तृत विवरण दिया था. खिलाड़ियों के लिए तैयार किए गए नोट्स में पैडी ने कहा, 'क्या सेक्स करने से आपका परफॉर्मेंस बेहतर होता है? हां, यह बढ़ता है." इसके अलावा, अप्टन ने अपनी किताब में यह भी दावा किया है कि तेज गेंदबाज एस श्रीसंत ने राहुल द्रविड़ को गाली दी थी.
टीम इंडिया के पूर्व मेंटल कंडीशनिंग कोच रहने के अलावा अप्टन राजस्थान रॉयल्स के कोच भी रह चुके हैं. अप्टन ने राहुल द्रविड़ के साथ काम किया था और राजस्थान की टीम आईपीएल 2013 और 2015 के प्लेऑफ में पहुंची थी. अप्टन श्रीलंका दौरे पर नियुक्त किए गए भारतीय कोच द्रविड़ के बहुत बड़े प्रशंसक है. हाल में ही अप्टन ने कहा था कि द्रविड़ ऐसे क्रिकेटर रहे हैं जो युवा खिलाड़ियों को हमेशा आगे बढ़ाते हैं और उनकी छवि पर कोई सवाल नहीं खड़े कर सकता.
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि राहुल द्रविड़ अच्छे क्रिकेटरों को आगे बढ़ाने में माहिर हैं. राहुल ने पूरे करियर में ऐसा किया है और वो किसी विवाद का भी हिस्सा नहीं रहे. मुझे नहीं लगता कि दुनिया में कोई राहुल द्रविड़ के चरित्र पर सवाल खड़ा कर पाए.' पैडी अप्टन के मुताबिक दुनियाभर की टीमें खिलाड़ियों को सिर्फ प्रतिभा के आधार पर नहीं बल्कि उनके सरल चरित्र के आधार पर चुनती हैं. अप्टन ने बताया कि द्रविड़ इसी सिद्धांत पर काम करते हैं. अप्टन का मानना है कि द्रविड़ जब युवा क्रिकेटरों को इंटरनेशनल स्तर के लिए तैयार करते हैं तो वो उनके चरित्र को ही देखते हैं.
अप्टन ने कहा कि राहुल द्रविड़ ने राजस्थान रॉयल्स में युवाओं को मौका देने की रणनीति बनाई थी. उनका मानना था कि युवाओं को बड़ा खिलाड़ी बनने की जरूरत है. जिसके बाद राजस्थान रॉयल्स ने युवाओं को आजमाया और टीम को सकरात्मक नतीजे भी मिले.