इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में महज दो रन बनाकर आउट हो गए ऋषभ पंत

हेंडिंग्ले में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के पहले ही दिन भारतीय टीम बल्लेबाजी इंग्लैंड के गेंदबाजों के सामने पूरी तरह से नतमस्तक हो गई थी.

Update: 2021-08-26 07:59 GMT

हेंडिंग्ले में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के पहले ही दिन भारतीय टीम बल्लेबाजी इंग्लैंड के गेंदबाजों के सामने पूरी तरह से नतमस्तक हो गई थी. मेहमान टीम अपनी पहली पारी में 78 रन ही बना सकी. न विराट कोहली (Virat Kohli) का बल्ला चला न रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की क्लास दिखी. ऋषभ पंत(Rishabh Pant) का तूफानी अंदाज भी ठंडे बस्ते में दिखा. मैच के बाद पंत ने बताया है कि उन्हें अपनी बल्लेबाजी में बीच मैदान पर बदलाव करना पड़ा था और यह बदलाव उन्होंने अपने स्टांस में किया था. पंत ने बताया है कि उन्होंने ऐसा अंपायर के कहने पर किया क्योंकि स्विंग से निबटने के लिये क्रीज के बाहर खड़े होने से पिच के 'डेंजर एरिया' (स्टंप के सीध में पिच का क्षेत्र) में पांवों के निशान बन रहे थे.

भारतीय टीम मैच के पहले दिन अपनी पहली पारी में 78 रन पर सिमट गयी जिसके जवाब में इंग्लैंड ने बिना किसी नुकसान के 120 रन बनाकर 42 रन की बढ़त हासिल कर ली है.पंत ने दिन का खेल समाप्त होने के बाद बुधवार को वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''मैं क्रीज के बाहर खड़ा था और मेरा अगला पांव डेंजर एरिया में आ रहा था इसलिए उन्होंने (अंपायर) मुझसे कहा कि मैं यहां पर खड़ा नहीं हो सकता हूं. इसलिए मुझे अपना स्टांस बदलना पड़ा लेकिन एक क्रिकेटर होने के नाते मैं इस बारे में अधिक नहीं सोचता क्योंकि जो भी ऐसा करता, अंपायर उससे भी वही बात करते. मैंने अगली गेंद पर वैसा नहीं किया.''

जल्दी आना मौका

शीर्ष क्रम की लगातार नाकामी के कारण पंत को जल्द ही क्रीज पर उतरना पड़ रहा है लेकिन वह इसे मौके के तौर पर देखते हैं. उन्होंने कहा, ''जो भी स्थिति हो आपको पहले टीम के बारे में और उस स्थिति में आप क्या कर सकते हैं, इसके बारे में सोचना होता है. यदि शीर्ष क्रम नहीं चल पाता है तो आपको मौका मिलता है. मैं इसे अवसर के रूप में देखता हूं और यदि आप उस स्थिति से टीम को बाहर निकाल देते हो तो यह एक क्रिकेटर के तौर पर आपकी बड़ी उपलब्धि होगी. ''

छठें नंबर पर खेलने के बारे में कहा ये

पंत से पूछा गया कि क्या वह इंग्लैंड में छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए सहज महसूस कर रहे हैं, उन्होंने कहा, ''क्रिकेटर के रूप में आपके पास दो विकल्प होते हैं – पहला आप टीम के बारे में सोचो और दूसरा आप व्यक्तिगत प्रदर्शन पर गौर करो, यहां इस तरह की संस्कृति तैयार की गयी है प्रत्येक टीम के बारे में सोचता है, व्यक्तिगत प्रदर्शन मायने नहीं रखता है. ''

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