Ravi Shastri: आकाश चोपड़ा ने कर दी भविष्यवाणी, फुटबॉल की तरह हो टी20 क्रिकेट

Update: 2022-06-01 10:18 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Ravi Shastri: पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) मानते हैं कि टी20 फॉर्मेट अंतरराष्ट्रीय टीमों के बीच द्विपक्षीय सीरीजों के लिए नहीं है बल्कि इसे सिर्फ विश्व कप तक ही सीमित रखा जाना चाहिए. शास्त्री की यह टिप्पणी भारत की दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच मैचों की टी20 सीरीज से पहले आई है.

टी20 फॉर्मेट होना चाहिए खत्म
भारत के सबसे सफल कोचों में से एक शास्त्री (Ravi Shastri) को यह भी लगता है कि खेल प्रेमियों के उत्साह को देखते हुए जहां तक छोटे फॉर्मेट की बात है तो सबसे अच्छा तरीका फ्रेंचाइजी क्रिकेट के साथ दो साल में टी20 वर्ल्ड कप होगा. शास्त्री ने 'ईएसपीएनक्रिकइंफो' से कहा, 'टी20 में काफी द्विपक्षीय क्रिकेट हो रहा है. मैंने यह पहले भी कहा है, यहां तक कि जब मैं भारतीय टीम का कोच था तब भी. यह मेरे सामने हो रहा था.'
फुटबॉल की तरह हो टी20 क्रिकेट
शास्त्री (Ravi Shastri) ने कहा, 'यह 'टी20 क्रिकेट' फुटबॉल की तरह से होना चाहिए जहां आप सिर्फ विश्व कप खेलते हो. द्विपक्षीय टूर्नामेंट को कोई याद नहीं रखता.' भारतीय कोच के तौर पर शास्त्री का कार्यकाल पिछले साल खत्म हुआ था. उन्होंने कहा कि उन्हें, 'भारतीय कोच के तौर पर पिछले 6-7 के कार्यकाल के दौरान विश्व कप को छोड़कर एक भी टी20 मैच याद नहीं है.' उन्होंने कहा, 'एक टीम विश्व कप जीतती है, वे इसे याद रखती हैं. दुर्भाग्य से हम नहीं, इसलिए मुझे यह भी याद नहीं.'
शास्त्री (Ravi Shastri) ने कहा, 'दुनियाभर में फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेला जा रहा है, प्रत्येक देश को अपना फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलने की अनुमति है, जो उनका घरेलू क्रिकेट है और फिर प्रत्येक दो वर्ष में आप एक विश्व कप (टी20) खेलो.' आईपीएल के अगले पांच साल के चक्र के मीडिया एवं प्रसारण अधिकार जून में बिकेंगे.
आकाश चोपड़ा ने कर दी भविष्यवाणी
आईपीएल के भविष्य पर बात करते हुए पूर्व भारतीय ओपनिंग बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने कहा, 'मुझे लगता है कि भविष्य में प्रत्येक कैलेंडर वर्ष में आईपीएल के दो चरण हो सकते हैं और यह भी ज्यादा दूर की बात नहीं है.' शास्त्री ने भी चोपड़ा से सहमति जताई. उन्होंने कहा, 'यह भविष्य है.' उन्होंने कहा, 'आगे यह हो सकता है. 140 मैचों को 70-70 में बांट दिया जाए, दो सत्र में. आप कुछ नहीं कह सकते.'
उन्होंने कहा, 'आप सोच सकते हो कि यह 'अत्यधिक' है लेकिन भारत में कुछ भी 'ओवरडोज' (ज्यादा) नहीं है। मैं बायो-बबल के बाहर लोगों को देख चुका हूं, कोविड-19 से बाहर आने के बाद पिछले कुछ महीनों में लोगों ने किस तरह इसकी समीक्षा की है और वे इसके हर पल का लुत्फ उठा रहे हैं और इसके खत्म होने पर उन्हें निराशा भी हो रही है.'


Tags:    

Similar News

-->