भारत रत्न मास्टर बलास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) आज देवास जिले के संदलपुर पहुंचे. उनके दौरे को बेहद गोपनीय रखा गया था. वो एक NGO के कार्यक्रम में शामिल होने आए थे. जिसने भी उन्हें देखा वो पहले तो चौंक गया, फिर उनके काफिले के पीछे दौड़ने लगा. सचिन यहां पहुंचकर अपने पिता को याद किया. सचिन तेंदुलकर ने यहां परिवार नाम के एक NGO के कार्यक्रम में शिरकत की. उनके दौरे को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किये थे. आमजन को उनके इस कार्यक्रम से दूर रखा गया.
आंखों पर यकीन नहीं हुआ
सचिन तेंदुलकर का अचानक बागली से होते हुए काफिला गुजरा तो लोग चौंक गए. पहले तो उन्हें यकीन नहीं हुआ और फिर समझ आते ही वो गाड़ी के पीछे दौड़ने लगे. सचिन इंदौर से सड़क मार्ग से बागली होते हुए देवास जिले के आखिरी छोर संदलपुर पहुंचे. हालांकि यह निजी कार्यक्रम था जिसकी जानकारी स्थानीय लोगों को नहीं थी. वो यहां अपनी संस्था की तरफ से किए गए फंड का काम देखने पहुंचे थे.
संदलपुर के पास परिवार एजुकेशन सोसायटी नाम का NGO अपनी बिल्डिंग बना रहा है. इसी का काम देखने सचिन तेंदुलकर यहां आए थे. बताया जा रहा है कि इसके लिए सचिन तेंदुलकर की संस्था ने भी फंड दिया है. उसी की जानकारी लेने सचिन यहां पहुंचे थे. बाद में मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा मेरे पिता की इच्छा थी कि मैं कुछ फंड एजुकेशन के लिए दूं. उसी के लिए फंड दिया था और अब यहां हो रहे काम की जानकारी लेने आया था. सचिन ने कहा अगर आज मेरे पिता होते तो बहुत अच्छा होता. सचिन तेंदुलकर ने बताया कि उनकी संस्था ने 2300 स्टूडेंट की पढ़ाई के लिए फंड दिया है. उनके पिता भी यही चाहते थे कि मैं ऐसा ही कुछ करूं.
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले महान खिलाड़ी, भारत रत्न सम्मानित सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) का अचानक बागली होते हुए संदलपुर आना सबको चौंका गया साथ ही खुशी भी दे गया. उनके साथ भारी सुरक्षा बल था. लेकिन इसकी खबर किसी को नहीं लगी. खबर लगने तक सचिन का काफिला रवाना हो चुका था.