Paris Olympics: भारत की पदक उम्मीदें बुलंद

Update: 2024-07-25 07:08 GMT
Paris Olympics: दुनिया भर में कल पेरिस 2024 ओलंपिक के उद्घाटन समारोह का बेसब्री से इंतजार है, वहीं भारत के एथलीट और खेल प्रेमी आगामी खेलों में देश के प्रदर्शन को लेकर उत्साह और उच्च उम्मीदों से भरे हुए हैं। विभिन्न विषयों में 100 से अधिक एथलीटों के दल के साथ, भारत टोक्यो 2020 ओलंपिक में अपने ऐतिहासिक प्रदर्शन को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, जहाँ देश ने सात पदक हासिल किए, जिसमें नीरज चोपड़ा द्वारा पुरुषों की भाला फेंक में जीता गया स्वर्ण पदक भी शामिल है। नीरज चोपड़ा, जो अब भारत में एक जाना-माना नाम बन चुके हैं, एक बार फिर देश की उम्मीदों का भार अपने कंधों पर उठा रहे हैं। ओलंपिक जीत के बाद से लगातार अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करने वाले चोपड़ा को अपने खिताब को बचाने और संभवतः एक नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाने का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। शूटिंग में, जो पारंपरिक रूप से भारत का मजबूत खेल रहा है, मनु भाकर और सौरभ चौधरी जैसी युवा प्रतिभाओं से अपनी छाप छोड़ने की उम्मीद है। हाल ही में विश्व कप में दोनों के प्रदर्शन ने शूटिंग स्पर्धाओं में कई पदकों की उम्मीद जगाई है।
ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया और रवि कुमार दहिया की अगुआई में भारतीय कुश्ती दल भी आशा का एक स्रोत है। कुश्ती महासंघ में हाल ही में हुए विवादों के बावजूद, इन एथलीटों ने अपना ध्यान बनाए रखा है और देश को गौरव दिलाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। बैडमिंटन में, दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु अपने प्रभावशाली प्रदर्शन में इज़ाफा करना चाहती हैं। सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की पुरुष युगल जोड़ी, जो शानदार फॉर्म में हैं, भी पदक की प्रबल संभावना है। हाल के वर्षों में भारतीय हॉकी टीमों, पुरुष और महिला दोनों ने उल्लेखनीय सुधार दिखाया है। टोक्यो में कांस्य पदक के साथ 41 साल के ओलंपिक पदक के सूखे को समाप्त करने वाली पुरुष टीम एक बार फिर पोडियम पर पहुंचने का लक्ष्य बना रही है।
मुक्केबाजी, एथलेटिक्स और भारोत्तोलन अन्य ऐसे खेल हैं, जिनमें भारत अपनी छाप छोड़ने की उम्मीद कर रहा है। मुक्केबाजी में लवलीना बोरगोहेन, स्टीपलचेज़ में अविनाश साबले और भारोत्तोलन में मीराबाई चानू उन एथलीटों में शामिल हैं, जिन पर नज़र रखी जाएगी। पिछले ओलंपिक के बाद से भारतीय सरकार और खेल प्राधिकरणों ने प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचे में भारी निवेश किया है। टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) ने शीर्ष एथलीटों को अनुकूलित सहायता प्रदान की है, जिससे पदक तालिका में सुधार की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
जबकि भारतीय दल कल उद्घाटन समारोह में मार्च करने की तैयारी कर रहा है, पूरे देश में आशा की एक स्पष्ट भावना है। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने टीम की तैयारियों पर भरोसा जताते हुए कहा, "हमारे एथलीटों ने कठोर प्रशिक्षण लिया है और वे शीर्ष फॉर्म में हैं। हमें अपने पिछले ओलंपिक प्रदर्शनों को पार करने की उम्मीद है।" जबकि उम्मीदों का दबाव अधिक है, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि ओलंपिक की सफलता केवल पदकों की संख्या के बारे में नहीं है। भागीदारी की भावना, व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ और दुनिया के सबसे बड़े खेल मंच पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करना समान रूप से महत्वपूर्ण उपलब्धियां हैं। जबकि कल पेरिस में ओलंपिक की लौ जलाई जाएगी, लाखों भारतीय अपने एथलीटों का उत्साहवर्धन करेंगे, ऐतिहासिक प्रदर्शन देखने और खेल की भावना का जश्न मनाने की उम्मीद करेंगे। पेरिस 2024 ओलंपिक भारतीय खेलों के लिए एक रोमांचक यात्रा होने का वादा करता है, जो संभावित रूप से देश के ओलंपिक विकास में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
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