अमेरिका में अब महिला और पुरुष फुटबॉल संघों को मिलेगी बराबर राशि
अमेरिकी फुटबॉल महासंघ ने पुरुषों और महिला टीमों को एक समान भुगतान करने का समझौता किया जिससे अमेरिकी राष्ट्रीय संचालन संस्था खेल में दोनों वर्गों के लिये बराबर राशि देने वाली पहली संस्था बन गई।
अमेरिकी फुटबॉल महासंघ (यूएसएसएफ) ने पुरुषों और महिला टीमों को एक समान भुगतान करने का समझौता किया जिससे अमेरिकी राष्ट्रीय संचालन संस्था खेल में दोनों वर्गों के लिये बराबर राशि देने वाली पहली संस्था बन गई।
इस साल के अंत में पुरुष विश्वकप और अगले साल महिला विश्वकप के लिए फीफा भुगतान को 'पूल' (एक साथ इकट्ठा) करने पर सहमति जताई गई। इसके अलावा 2026 और 2026 टूर्नामेंट के भुगतान को भी 'पूल' किया जाएगा।
महासंघ ने दोनों राष्ट्रीय टीमों के संघों के साथ दिसंबर 2028 तक समझौता किया जिससे वर्षों से होने वाली तीखी बहस भी खत्म हो गई। अमेरिका की सफल महिला टीम की स्टार खिलाड़ी एलेक्स मोर्गन और मेगान रापिनो 2019 में महिला विश्वकप चैंपियनशिप दिलाने में अहम रही थीं और दोनों लैंगिक समानता की लड़ाई की अगुआ भी रहीं। अमेरिकी महिला खिलाड़ियों ने जब फ्रांस में खिताब जीता था तो बराबर वेतन का मुद्दा काफी सुर्खियों में रहा था।
विश्वकप इनामी राशि में था बड़ा फर्क
अमेरिकी महिला फुटबॉल टीम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार विश्वकप खिताब जीतकर काफी सफल रही है लेकिन फीफा पुरस्कार राशि में अंतर के कारण वे पुरुष विजेताओं की तुलना में काफी कम राशि हासिल कर पातीं। अमेरिकी महिला टीम को 2019 विश्वकप जीतने के लिए 110,000 डॉलर (लगभग 85 लाख रुपये) का बोनस मिला जबकि अमेरिकी पुरुष टीम अगर 2018 में विश्वकप जीतती तो उन्हें 407,000 डॉलर (लगभग तीन करोड़, 16 लाख रुपये) की राशि मिली होती।
अमेरिकी फारवर्ड मारग्रेट पर्स ने इस मामले पर रहा "मुझे लड़कियों के लिए बहुत गर्व महसूस हो रहा है जिन्हें इसके लिए लड़ना नहीं होगा बल्कि उनकी अहमियत को पहचान मिलेगी। मेरे पिता हमेशा मुझसे कहते कि पुरुष और महिलाओं को एक समान वेतन देना चाहिए। मैं इस उपलब्धि के लिए आभारी हूं और उन सभी लोगों की भी जिन्होंने एक साथ मिलकर इसे संभव बनाया।"