टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. घरेलू हिंसा के आरोप का सामना कर रहे स्टार क्रिकेटर को अब हर महीने अपनी पत्नी हसीन जहां को गुजारा भत्ता देना होगा. यह फैसला अलीपुर कोर्ट की जज अनिंदिता गांगुली ने सुनाया है.
हसीन जहां ने की थी प्रति महीने 10 लाख रुपये की मांग
मोहम्मद शमी से अलग रह रही हसीन जहां ने क्रिकेटर से हर महीने 10 लाख रुपये गुजारा भत्ता देने की मांग रखते हुए याचिका दायर की थी. याचिका में हसीन ने कहा था कि उन्हें व्यक्तिगत खर्च के लिए 7 लाख रुपये और बेटी की परवरिश के लिए 3 लाख रुपये चाहिए. लेकिन कोर्ट ने उन्हें केवल 50 हजार रुपये देने का आदेश दिया. ऐसी संभावना है कि हसीन जहां मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकती है.
हसीन जहां ने पति मोहम्मद शमी पर मैच फिक्सिंग और घरेलू हिंसा के लगाये थे गंभीर आरोप
गौरतलब है कि हसीन जहां ने 2018 में पति मोहम्मद शमी के खिलाफ घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना और मैच फिक्सिंग जैसे गंभीर आरोप लगाये थे. हसीन जहां के आरोप के बाद मोहम्मद शमी को कुछ दिन के लिए बीसीसीआई ने टीम से बाहर कर दिया था. हालांकि जांच में मैच फिक्सिंग के आरोप सही साबित नहीं होने के बाद बीसीसीआई ने उन्हें टीम में वापस लिया.
पांच साल से जारी है हसीन जहां और मोहम्मद शमी के बीच कानूनी लड़ाई
मालूम हो मोहम्मद शमी और हसीन जहां के बीच पांच साल से कानूनी लड़ाई जारी है. शमी ने आरोपों पर सफाई देते हुए कहा था कि उनकी पत्नी को भड़काया जा रहा है. जबकि उनकी फैमली और वो खुद आपस में बैठकर मामले को खत्म करना चाहते हैं. 2018 से अलग होने के बाद भी मोहम्मद शमी अपनी बेटी को लेकर हमेशा सोशल मीडिया पर पोस्ट डालते रहते हैं. जब मोहम्मद शमी सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए थे, तो उस समय हसीन जहां उनसे मिलने भी गयी थी. हालांकि उसके बाद भी दोनों के बीच विवाद कायम है. हसीन जहां ने मोहम्मद शमी के बड़े भाई के खिलाफ भी यौन शोषण का गंभीर आरोप लगाया है.