मिताली ने आलोचकों को लताड़ा, कहा- 'मेरा काम लोगों को खुश करना नहीं'

मिताली ने कहा 'सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं'

Update: 2021-07-04 17:08 GMT

वारसेस्टर: भारतीय महिला क्रिकेट टीम (Indian Women's Cricket Team) की कप्तान मिताली राज (Mithali Raj) ने शनिवार के दिन इंग्लैंड के खिलाफ मैच विनिंग पारी खेली. इस साथ उन्होंने 2 बड़े वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बनाए इसके बवाजूद उन्हें स्लो बैटिंग के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.

'सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं'
मिताली राज (Mithali Raj) ने कहा कि इतने लंबे वक्त तक खेलने के बाद उन्हें लोगों से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. मिताली की 86 गेंदों पर नाबाद 75 रन की पारी से भारत ने सीरीज के तीसरे और आखिरी वनडे में इंग्लैंड को चार विकेट से हराया. इस पारी के दौरान मिताली महिला क्रिकेट के सभी फॉर्मेट मिलाकर सबसे ज्यादा रन बनाने वाली बल्लेबाज भी बनीं.
'अपनी जिम्मेदारियां मालूम हैं'
मैच के बाद वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब उनके स्ट्राइक रेट को लेकर हो रही आलोचना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मैंने स्ट्राइक रेट को लेकर होने वाली आलोचना के बारे में पढ़ा है।. मैंने इस पर पहले भी कहा है कि मुझे लोगों से प्रमाण की जरूरत नहीं हैं. मैं लंबे समय से खेल रही हूं और मुझे पता है कि टीम में मेरी एक खास जिम्मेदारी है.'
'लोगों को खुश करना मेरा काम नहीं'
मिताली राज (Mithali Raj) ने कहा, 'मेरा मकसद लोगों को खुश करना नहीं है. मैं यहां वो रोल भूमिका निभाने आई हूं जो टीम मैनेजमेंट ने मुझे सौंपा है. जब आप टारगेट का पीछा करते हैं तो आप रन बनाने के लिए गेंदबाजों को चुनने के अलावा खुद के मजबूत पक्ष पर भरोसा करते हैं.'
अब भी है रनों की भूख
मिताली राज (Mithali Raj) ने कहा कि उनकी रन बनाने की भूख अब भी वैसी ही है जैसे 22 साल पहले हुआ करती थी और वह अगले साल न्यूजीलैंड में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप के लिए अपनी बल्लेबाजी को नए मुकाम पर ले जाने की कोशिश कर रही है.
1999 में किया डेब्यू
आयरलैंड के खिलाफ 26 जून 1999 को मिल्टन केयेन्स में अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत करने वाली मिताली ने कहा, 'जिस तरह से चीजें आगे बढ़ी हैं, ये सफर आसान नहीं रहा. इसकी अपनी परीक्षाएं और चुनौतियां थी. मेरा हमेशा मानना रहा है कि परीक्षाओं का कोई मकसद होता है.'
22 साल का करियर
मिताली राज (Mithali Raj) ने कहा, 'ऐसा भी समय आया जब अलग-अलग वजहों से मुझे लगा कि अब बहुत हो चुका लेकिन कोई ऐसी चीज थी जिससे मैं खेलती रही और अब मुझे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 22 साल हो गए हैं लेकिन रनों की भूख अब भी कम नहीं हुई हैं.
भारत को जीत दिलाना मकसद
मिताली राज (Mithali Raj) बोलीं, 'मेरे अंदर अब भी वही जुनून है. मैदान पर उतरकर भारत के लिए मैच जीतना. जहां तक मेरी बल्लेबाजी का सवाल है तो मुझे लगता है कि इसमें अब भी सुधार की संभावना है और इस पर मैं काम कर रही हूं. कुछ ऐसे आयाम हैं जिन्हें मैं अपनी बल्लेबाजी में जोड़ना चाहती हूं.'
वर्ल्ड कप की तैयारी
मिताली ने 2019 में ही टी20 क्रिकेट से संन्यास ले लिया था और वह पहले ही संकेत दे चुकी हैं कि न्यूजीलैंड में चार मार्च से तीन अप्रैल 2022 के बीच होने वाला महिला वर्ल्ड कप उनका आखिरी टूर्नामेंट होगा. यह 38 साल की खिलाड़ी बल्लेबाजी में अपनी भूमिका निभाने के साथ अन्य खिलाड़ियों के लिए मेंटॉर की भूमिका का पूरा लुत्फ उठा रही हैं.

मिताली को पता है उनका रोल
भारतीय महिला वनडे और टेस्ट टीम की कप्तान मिताली राज (Mithali Raj) ने कहा, 'बल्लेबाजी हमेशा टीम में मेरे लिए मुख्य भूमिका रही है. ऐसी भूमिका जिसे सालों पहले मुझे सौंप दिया गया था. बल्लेबाजी इकाई की जिम्मेदारी संभालना और पारी संवारना.'

'खेल पर कंट्रोल करना आता है'
मिताली ने कहा, 'लक्ष्य का पीछा करते हुए अन्य बल्लेबाजों के साथ पारी संवारने के लिए आपके सामने बेहतर तस्वीर होती है. मैं खेल पर नियंत्रण बनाए रखने में सक्षम हूं. इससे मुझे और टीम की अन्य युवा लड़कियों को फायदा मिलता है. इससे जब आप क्रीज पर होते हैं तो टीम को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है.' मिताली ने आलराउंडर स्नेह राणा की भी तारीफ की जिनके साथ उन्होंने 7वें विकेट के लिये 50 रन की अहम साझेदारी की।

स्नेह राणा की तारीफ
मिताली ने कहा, 'स्नेह राणा को श्रेय देना जरूरी है क्योंकि वह साझेदारी अहम थी. निश्चित तौर पर हम उस स्थान पर ऐसा खिलाड़ी चाहते थे जो लंबे शॉट खेल सके और गेंदबाजी में कुछ ओवर भी कर सकें. इसलिए उसका टीम में होना अच्छा हैं उसने दिखाया कि उसमें एक अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए जज्बा है. आज की क्रिकेट में आलराउंडर की भूमिका अहम होती है.'

हरमन को किया सपोर्ट
मिताली ने उम्मीद जतायी कि उप कप्तान और टी20 टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर जल्द ही फॉर्म में वापसी कर लेगी. उन्होंने कहा, 'ऐसा किसी भी खिलाड़ी के साथ हो सकता है. कई बार आप फॉर्म में नहीं होते हो लेकिन एक टीम के रूप में आपको उस खिलाड़ी का साथ देना होता है जो मैच विजेता हो. हम जानते हैं कि उसने अपने दम पर हमारे लिए मैच जीते हैं. अभी उसे टीम से सपोर्ट की जरूरत है.'
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