मीराबाई चानू ने 4 साल तक खाया सलाद, बहन की शादी को भी किया मिस, अब मनपसंद चीज खाकर करेंगी सेलिब्रेट

मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल जीतकर टोक्यो ओलिंपिक 2020 में भारत का खाता खोल दिया

Update: 2021-07-24 12:58 GMT

मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) ने वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल जीतकर टोक्यो ओलिंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में भारत का खाता खोल दिया. उन्होंने महिलाओं के 49 किलो भारवर्ग में 202 किलो वजन उठाया और चांदी का तमगा हासिल किया. वह वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल जीतने वाली इकलौती भारतीय हैं. यह 21 साल में भारत का वेटलिफ्टिंग में पहला मेडल है. मीराबाई चानू ने 2000 के सिडनी ओलिंपिक्स में कर्णम मल्लेश्वरी के कांस्य पदक से एक कदम आगे की कामयाबी हासिल की. टोक्यो ओलिंपिक में देशवासियों को खुश होने का मौका देने के बाद मीराबाई चानू ने कहा कि वह पिज्जा खाकर इस कामयाबी का जश्न मनाएगी. उन्होंने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि वह खूब सारा पिज्जा खाएंगी.

मीराबाई ने साथ ही कहा कि उन्होंने कामयाबी पाने के लिए काफी कुर्बानियां दी हैं. न्यूज चैनल एनडीटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा, 'मैंने कई कुर्बानियां दी हैं. बड़ा खिलाड़ी बनने या कुछ बड़ा हासिल करने के लिए आपको त्याग करना होता है और मैंने ऐसा किया है. मैंने 2017 वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए कड़ी मेहनत की. मेरी बहन की शादी थी लेकिन मैं नहीं जा सकी. रियो ओलिंपिक में नाकामी के बाद मेरे सामने वर्ल्ड चैंपियनशिप थी और वह मेरे लिए खुद को साबित करने का मौका था. इसलिए मैं घर नहीं गई और बहन की शादी में शामिल नहीं हो सकी.'
चार साल से केवल सलाद खा रही थीं मीराबाई
मीराबाई ने पिछले चार साल के दौरान दिन के खाने में केवल सलाद ही खाया. इसके अलावा आइसक्रीम और बाकी सभी चीजों को छोड़ दिया. वहीं 24 जुलाई को वेटलिफ्टिंग इवेंट में शामिल होने से दो दिन पहले से उन्होंने कुछ नहीं खाया. उन्होंने वजन में किसी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए यह कदम उठाया. लेकिन अब वह खुद को ट्रीट देना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि ओलिंपिक मेडल जीतने के बाद वह पिज्जा खाकर जश्न मनाना चाहती हैं. वह खूब सारा पिज्जा खाएंगी. उन्होंने इसी दिन का इंतजार किया था.
मां से मिलने को बेताब हैं मीराबाई
मीराबाई ने बताया कि उनके परिवार ने भी उनकी स्पर्धा के दौरान कुछ नहीं खाया. पूरे परिवार ने उनके इवेंट के पूरा होने का इंतजार किया. उन्होंने कहा था कि वे लोग मुकाबला पूरा होने तक दाना-पानी कुछ नहीं लेंगे. ऐसे में रात में परिवार जश्न मनाएगा और वहां पर दावत होगी. मीराबाई चानू अपनी मां से मिलने को बेताब हैं. उन्होंने कहा, 'कई दिनों से मुझे मां की याद आ रही है. उन्होंने मेरे लिए काफी दुआ की और मुझे उनकी काफी याद आती है. मैं अपने परिवार का विशेषकर अपनी मां को धन्यवाद करना चाहूंगी जिन्होंने मेरे लिए बहुत बलिदान दिए और मुझ पर भरोसा रखा.'
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