मर्सीडीज का वर्चस्व तोड़ विश्व चैंपियन बने मैक्स वर्स्टापेन
रेडबुल के 24 वर्षीय ड्राइवर मैक्स वर्स्टापेन ने रविवार को यहां फॉर्मूला वन के इतिहास की सबसे रोचक रेस में से एक में सात बार के चैंपियन लुईस हैमिल्टन को आखिरी लैप में पछाड़ते हुए अबू धाबी ग्रां प्री जीत ली
रेडबुल के 24 वर्षीय ड्राइवर मैक्स वर्स्टापेन ने रविवार को यहां फॉर्मूला वन के इतिहास की सबसे रोचक रेस में से एक में सात बार के चैंपियन लुईस हैमिल्टन को आखिरी लैप में पछाड़ते हुए अबू धाबी ग्रां प्री जीत ली। वह पहली बार विश्व चैंपियन बने हैं। उन्होंने सात वर्षों से चला आ रहा मर्सीडीज का वर्चस्व भी तोड़ दिया। हैमिल्टन अगर जीत जाते तो आठवीं बार चैंपियन बनकर जर्मनी के दिग्गज माइकल शूमाकर (07) को पीछे छोड़ते।
दुबई के यस मरीना सर्किट में आयोजित रेस में हैमिल्टन सभी लैप में आगे थे लेकिन अंतिम लैप में मैक्स ने नए टायरों की मदद से रफ्तार पकड़ी और आगे निकल गए। वर्स्टापेन ने पोल पोजीशन से शुरुआत की थी। हैमिल्टन और वर्स्टापेन ने आखिरी लैप में साथ शुरुआत की थी। पहले चार मोड़ में ही वर्स्टापेन ने उन्हें पछाड़ दिया।
मर्सीडीज ने दर्ज कराया विरोध :
रेस के बाद मर्सीडीज ने विरोध भी दर्ज कराया है, उसका कहना है कि सेफ्टी कार देर से पहुंची जिससे वर्स्टापेन को हैमिल्टन से आगे निकलने का मौका मिल गया। चार महाद्वीपों में 22 रेस के बाद यह एफ वन सत्र का शानदार अंत रहा। 1974 के बाद यह पहला मौका था जबकि सत्र की अंतिम रेस से पहले दोनों दावेदारों मैक्स और हैमिल्टन दोनों के एक समान 369.5 अंक थे।
हैमिल्टन ने लगाया वर्स्टापेन को गले :
हैमिल्टन को रेस के बाद उनके पिता ने गले लगाया। उसके बाद हैमिल्टन गैरेज में गए और वर्स्टापेन व उनके पिता जोस वर्स्टापेन को गले लगाया। जोस खुद एक फॉर्मूला वन ड्राइवर रहे हैं।