महेंद्र सिंह धोनी के फैन ने छोड़ दी नौकरी, खेल में बनाना चाहता है कैरियर
जानिए इनके बारे में बहुत कुछ
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) के जीवन पर आधारित फिल्म से प्रेरणा लेकर नौकरी छोड़ने वाले आदर्श नगर, बल्लभगढ़ निवासी युवा पैरा खिलाड़ी रंजीत सिंह भाटी (Ranjit Singh Bhati) का चयन टोक्यो पैरालिंपिक के लिए हुआ है. रंजीत भाला फेंक प्रतियोगिता में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. रंजीत ने दिल्ली में हुए पैरालिंपिक ट्रायल में 44.50 मीटर भाला फेंककर टोक्यो पैरालंपिक का टिकट प्राप्त किया है.
वर्ष 2012 से पूर्व एक सामान्य व्यक्ति की तरह जीवनयापन करने वाले रंजीत एक्सप्रेस-वे पर मोटरसाइकिल अनियंत्रित होने से दुर्घटना ग्रस्त हो गए थे. इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे और एक महीने तक वेंटिलेटर पर रह कर जिंदगी की लड़ाई लड़ी. अंत में जीत जिंदगी की हुई और उन्हें ठीक होने में दो साल से भी अधिक समय लगा. सड़क दुर्घटना में दाएं पैर में गंभीर रूप से चोट आने के कारण अब वह सामान्य व्यक्तियों की तरह नहीं चल पाते हैं.
रंजीत ने बताया कि वह महेंद्र सिंह धोनी से प्रभावित हैं. धोनी की तरह अपने खेल को बेहतर बनाने के बारे में सोचते रहते हैं. कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है. दिल्ली में एक कंपनी में काम करने के चलते अपने खेल को समय नहीं दे पाते थे और एक दिन नौकरी छोड़ दी. रंजीत के फैसले से उनके पिता रामबीर सिंह और मां वैजंती काफी नाराज हुई थीं, क्योंकि उनका खेलों से दूर तक कोई वास्ता नहीं है. उनके परिवार में आजतक किसी ने भी खेलों को गंभीरता से नहीं लिया है. वह सिर्फ अपने बेटे रंजीत को नौकरी करते देखना चाहते हैं.
उन्हें पैरालिंपिक जैसे इतने बड़े खेलों के आयोजन के महत्व के बारे में कुछ भी नहीं जानकारी नहीं. लेकिन रंजीत ने किसी की परवाह ना करते हुए अपने भाला फेंकने की अभ्यास को जारी रखा और इस बीच उनको कई तौर से आर्थिक रूप से परेशानियों का भी सामना करना पड़ा. रंजीत ने वर्ष 2019 में मोरक्को ग्रांड प्रिक्स में हिस्सा लिया था और चौथा स्थान प्राप्त किया था. इस वर्ष गुरुग्राम में हुई राज्य स्तरीय प्रतियोगिता और बेंगलुरु में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर पैरालिंपिक ट्रायल के लिए क्वालीफाई किया. रंजीत ने दिल्ली में हुए पैरालिंपिक ट्रायल में 44.50 मीटर भाला फेंककर टोक्यो पैरालंपिक का टिकट प्राप्त किया है.
रंजीत ने बताया कि अक्सर लोग छोटी-छोटी मुसीबतों से थककर कर्म करना छोड़ देते हैं. लेकिन हम सब कोई मुसीबतों से ऊपर उठकर अपना प्रयास निरंतर रखना चाहिए ताकि एक न एक दिन मंजिल मिल सके. जापान की टोक्यो में ओलंपिक गेम्स चल रहे हैं और 24 अगस्त से 5 सितंबर तक पैरालंपिक गेम्स आयोजित किए जाएंगे जिसमें रंजीत 28 अगस्त को भाला फेंक प्रतियोगिता में भाग लेंगे और उनको उम्मीद है कि वह देश के लिए सोना जीतकर वापस आएंगे. रंजीत के कोच ने बताया कि वह लगातार 4 से 5 घंटे रोजाना अभ्यास में लगाता है और बहुत सारी परेशानियों पार करके उसने इस मुकाम को पाया है.