रिंकू सिंह की फर्श से अर्श तक की कहानी
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से आने वाले रिंकु सिंह की कहानी में काफी स्ट्रगल देखने को मिलता है। पिता घर-घर सिलेंडर पहुंचाने का काम करते हैं वहीं एक भाई ऑटो रिक्शा चलता है तो दूसरा कोचिंग सेंटर में काम करता है। वह कुल 5 बहन-भाई है। रिंकू की पढ़ाई में ज्यादा रूचि नहीं थी जिस वजह से उन्होंने क्रिकेट को अपनी जिंगदी बना ली। 9वीं फेल रिंकू ने एक इंटरव्यू में बताया था कि 2012 से पहले जब वह क्रिकेट खेलते थे तो उनके पिता उन्हें मारा करते थे, मगर उस साल उन्होंने एक टूर्नामेंट में बाइक जीती जिसके बाद उनके पिता ने रिंकू को मारना बंद कर दिया। उस बाइक का इस्तेमाल रिंकू के पिता सिलेंडर डिलवर करने के लिए इस्तेमाल करते थे। रिंकू ने यह भी बताया कि एक बार उन्होंने अपने भाई को नौकरी के लिए कहा तो वह ऐसी जगह लेकर गया जहां साफ-सफाई और पोछा मारने का काम था, रिंकू वहां से लौट जाए और उन्होंने इसके बाद क्रिकेट खेलने में जी जान लगा दी।
आईपीएल नीलामी में सबसे पहले पंजाब किंग्स ने 2017 में रिंकू खरीदा, मगर उस साल उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। उस दौरान रिंकू को पंजाब ने 10 लाख रुपए के बेस प्राइज में खरीदा था। इसके बाद 2018 में केकेआर ने इस खिलाड़ी पर 80 लाख रुपए खर्च किए। 2018 से रिंकू केकेआर का हिस्सा हैं, आईपीएल 2022 मेगा ऑकशन में केकेआर ने उन पर 55 लाख रुपए की बोली लगाई थी।
रिंकू सिंह आईपीएल 2022 में मचा रहे हैं तबाही
आईपीएल के शुरुआत सीजन में रिंकू को ज्यादा मैच खेलने को नहीं मिले, मगर इस साल उन्होंने सबसे अधिक 7 मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 34.80 की औसत से 174 रन बनाए हैं। रिंकू के आईपीएल करियर पर नजर डालें तो उन्होंने बीते 6 सालों में सिर्फ 17 ही मैच खेलने का मौका मिला है जिसमें उन्होंने 251 रन बनाए हैं। रिंकू अपनी बल्लेबाजी के अलावा लाजवाब फील्डिंग के लिए भी जाने जाते हैं।
बीसीसीआई ने रिंकू पर लगाया था तीन महीने का बैन
क्या आप जानते हैं कि रिंकू सिंह पर बीसीसीआई तीन महीने का बैन भी लगा चुकी है? शायद नहीं, तो हम आपको बता दें कि उनपर यह बैन 2019 के दौरान लगा था। दरअसल, उस दौरान उन्होंने बीसीसीआई की अनुमति के बिना अबू धाबी क्रिकेट के रमजान टी20 कप में हिस्सा लिया था। रिंकू के इस फैसले से नराज बीसीसीआई ने उन पर तीन महीने का बैन लगाया था।