बीडब्लूएफ विश्व चैंपियनशिप में हारे किदांबी श्रीकांत
बीडब्लूएफ विश्व चैंपियनशिप में सिंगापुर के लोह कीन ने भारत के किदांबी श्रीकांत को हराकर पुरुष एकल का खिताब अपने नाम किया
बीडब्लूएफ विश्व चैंपियनशिप में सिंगापुर के लोह कीन ने भारत के किदांबी श्रीकांत को हराकर पुरुष एकल का खिताब अपने नाम किया। इस मैच का पहला गेम हारने के बाद श्रीकांत ने दूसरे गेम में कड़ा संघर्ष किया, लेकिन जीत नहीं हासिल कर सके। पहला गेम 21-15 से हारने के बाद श्रीकांत ने दूसरा गेम भी 22-20 से गांव दिया और उन्हें सिल्वर मेडल के साथ संतोष करना पड़ा। वो पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं, जिन्होंने इस टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल जीता है।
पहले सेट की शुरुआत में बढ़त लेने के बाद भारतीय खिलाड़ी ने कमजोर प्रदर्शन किया और पहला गेम 21-15 से हार गए। वहीं दूसरे गेम में पिछड़ने के बाद उन्होंने शानदार वापसी की पर गेम का नतीजा नहीं बदल सके और दोनों सेट हारकर सोना जीतने से चूक गए। 42 मिनट तक चले इस गेम में श्रीकांत ने अपना दबदबा दिखाया, लेकिन जीत नहीं हासिल कर सके। इन दोनों खिलाड़ियों के बीच यह दूसरा मैच था। इससे पहले ये दोनों 2018 कॉमनवेल्थ गेम में भिड़े थे, तब श्रीकांत ने सीधे सेटों में सिंगापुर के खिलाड़ी को हराया था।
हार के बावजूद श्रीकांत ने रचा इतिहास
फाइनल मैच में भले ही श्रीकांत को हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन वो इस टूर्नामेंट के सबसे सफल भारतीय खिलाड़ी बन चुके हैं। श्रीकांत पहले भारतीय हैं, जिन्होंने इस टूर्नामेंट का फाइनल खेला और रजत पदक अपने नाम किया। इससे पहले प्रकाश पादुकोण 1983, और बी साई प्रणीत 2019 इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचे थे। वहीं श्रीकांत से सेमीफाइनल में हारने वाले लक्ष्य तीसरे भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं, जिन्होंने बीडब्लूएफ विश्व चैंपियनशिप में कोई पदक जीता है। लक्ष्य इस टूर्नामेंट में पदक जीतने वाले सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी हैं।
भारत के पास 12 मेडल
श्रीकांत और लक्ष्य के पदक जीतने के बाद भारत के इस टूर्नामेंट में कुल 12 मेडल हो गए हैं। प्रकाश, साई प्रणीत, श्रीकांत और लक्ष्य के अलावा पीवी सिंधु ने पांच मेडल जीते हैं। वहीं, साइना नेहवाल के नाम दो मेडल हैं। ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने 2011 में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।