Kapil Parmar ने जूडों में देश को दिलाया ऐतिहासिक पदक

Update: 2024-09-06 07:29 GMT

Spotrs.खेल: देश के पैरा-एथलीट्स ने गुरुवार 5 सितंबर 2024 को पेरिस में 25 पदकों का अपना घोषित लक्ष्य हासिल कर लिया और अधिक पदक जीतने की ओर अग्रसर हैं। दृष्टिबाधित कपिल परमार जूडो में भारत के पहले पैरालंपिक पदक विजेता बने। उन्होंने पुरुषों के 60 किग्रा (J1) वर्ग में कांस्य पदक जीता। पैरालंपिक खेलों में पदार्पण करने वाले 24 साल के कपिल परमार ने प्ले-ऑफ में ब्राजील के एलीलटन डी ओलिवेरा को 10-0 से हराया। कपिल परमार ने पूरे मुकाबले में अपने प्रतिद्वंद्वी पर दबदबा बनाए रखा और अपने तथा अपने देश के लिए ऐतिहासिक पोडियम फिनिश हासिल की। कपिल के ब्रॉन्ज मेडल जीतते ही ​​भारत के पदकों की संख्या बढ़कर 25 हो गई। भारत के पदकों में पांच स्वर्ण, नौ रजत और 11 कांस्य शामिल हैं। पेरिस पैरालंपिक की पदक तालिका में भारत 16वें स्थान पर है।

पेरिस पैरालंपिक 2024 पदक तालिका (5 सितंबर 2024 की रात 12 बजे तक अपडेट)
स्थान देश स्वर्ण रजत कांस्य कुल
1 चीन 70 54 37 161
2 ग्रेट ब्रिटेन 35 28 19 82
3 अमेरिका 27 33 17 77
4 नीदरलैंड्स 20 09 05 34
5 फ्रांस 17 22 21 60
6 इटली 16 10 27 53
7 यूक्रेन 15 19 26 60
8 ब्राजील 15 18 29 62
9 ऑस्ट्रेलिया 13 12 19 44
10 जर्मनी 09 09 15 33
16 भारत 05 09 11 25
पैरालंपिक खेलों से पहले अपने अनुमान में भारतीय पैरालंपिक समिति ने कहा था कि उसे हर चार साल में होने वाले इस महाकुंभ से कम से कम 25 पदक जीतने की उम्मीद है। वह लक्ष्य पूरा हो गया है और अंतिम संख्या काफी अधिक हो सकती है। हालांकि, दोहरे अंकों में स्वर्ण पदक हासिल करने की उम्मीदें अधूरी रह सकती हैं।
कपिल परमार का पदक इस मेगा इवेंट में सबसे कम अपेक्षित पदकों में से एक रहा। हालांकि, यह पूरी तरह से आश्चर्यजनक नहीं था, क्योंकि उन्होंने पिछले साल पैरा-एशियाई खेलों में रजत पदक जीता था और 2019 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। कपिल परमार लखनऊ में भारतीय दृष्टिहीन एवं पैरा जूडो अकादमी में प्रशिक्षण लेते हैं। J1 श्रेणी दृष्टिबाधित जूडोका के लिए आरक्षित है।
तीरंदाजी में टूटा भारतीयों का दिल
व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता
हरविंदर
सिंह और उनकी जोड़ीदार पूजा जत्यान मिक्स्ड टीम रिकर्व ओपन में कांस्य पदक जीतने के प्रबल दावेदार लग रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका क्योंकि यह जोड़ी प्ले-ऑफ में स्लोवेनिया के जीवा लावरिंक और डेजान फैबिक के खिलाफ शूट-ऑफ में 4-5 से हार गई। बुधवार को भारत के पहले तीरंदाजी स्वर्ण पदक विजेता बनने के बाद हरविंदर के लिए कुछ और इतिहास रचने का मौका था। भारतीय खिलाड़ी ने अंतिम सेट में 4-2 की बढ़त बनाई, लेकिन फिर अपनी रणनीति खो बैठे, जिससे स्लोवेनियाई जोड़ी ने पहले बराबरी की और फिर शूट-ऑफ में मैच जीत लिया।
हरियाणा के किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले 33 साल के हरविंदर महज डेढ़ साल के थे तब उन्हें डेंगू हो गया और उन्हें दिए गए कुछ इंजेक्शन के साइड इफेक्ट के कारण उनके पैर खराब हो गए। इससे पहले 27 साल की पूजा मंगलवार 4 सितंबर 2024 को व्यक्तिगत कार्यरत फाइनल में हार गई थी। साल 1997 में, जब वह सिर्फ दो महीने की थीं तब चिकित्सा लापरवाही का शिकार हो गई थीं। उन्हें तेज बुखार के लिए गलत इंजेक्शन लगाया गया था, जिसके परिणामस्वरूप उनके बाएं पैर में पोलियो हो गया था।
निशानेबाजों ने फिर से खोया लक्ष्य
भारतीय निशानेबाज मिक्स्ड 50 मीटर राइफल प्रोन (SH1) प्रतियोगिता के फाइनल में जगह बनाने में विफल रहे। पैरालंपिक खेलों में 10 मीटर एयर राइफल (SH1) प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतने वाली 36 साल की मोना अग्रवाल 6 सीरीज में 610.5 के कुल स्कोर के साथ 30वें स्थान पर रहीं। सिद्धार्थ बाबू कुछ दिन पहले मिक्स्ड 10 मीटर एयर राइफल प्रोन (SH1) क्वालिफिकेशन में 28वें स्थान पर रहे थे। वह भी अपने खेल का स्तर नहीं बढ़ा पाए और कुल 615.8 के साथ 22वें स्थान पर रहे।
0.05 सेकेंड से पदक जीतने से चूकीं सिमरन शर्मा
भारतीय फर्राटा क्वीन सिमरन शर्मा ने अच्छी फॉर्म जारी रखते हुए महिला टी12 वर्ग की 100 मीटर रेस के सेमीफाइनल में 12.33 सेकेंड के समय से फाइनल में जगह बनाई थी। नई दिल्ली की 24 साल की मौजूदा विश्व चैंपियन सिमरन दूसरे सेमीफाइनल में जर्मनी की कैटरीन म्यूलर रोटगार्ड के बाद दूसरे स्थान पर रहीं। सिमरन सेमीफाइनल में कुल मिलाकर तीसरे स्थान पर रही थीं।
हालांकि, कुछ घंटे बाद हुए फाइनल में 0.05 सेकेंड के अंतर से कांस्य पदक जीतने से चूक गईं। सिमरन ने 12.31 सेकेंड के समय के साथ रेस पूरी की, लेकिन यह समय पदक जीतने के लिए काफी नहीं था। क्यूबा की डूरंड एलियास ओमारा (11.81 सेकेंड), यूक्रेन की बोटुरचुक ओक्साना (12.17 सेकेंड) और जर्मनी की मुलर-रोटगार्ड्ट कैटरिन (12.26 सेकेंड) क्रमशः पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं।
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