जेरेमी लालरिननुंगा ने खेलों के दो नए रिकॉर्ड के साथ बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिए दूसरा स्वर्ण पदक जीता

भारत के युवा वेटलिफ्टर जेरेमी लालरिननुंगा ने खेलों के दो नए रिकॉर्ड के साथ रविवार को बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों (कॉमनवेल्थ गेम्स 2022) में भारत के लिए दूसरा स्वर्ण पदक जीता है.

Update: 2022-08-01 16:30 GMT


भारत के युवा वेटलिफ्टर जेरेमी लालरिननुंगा ने खेलों के दो नए रिकॉर्ड के साथ रविवार को बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों (कॉमनवेल्थ गेम्स 2022) में भारत के लिए दूसरा स्वर्ण पदक जीता है. जेरेमी के इस प्रदर्शन से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खूब गदगद नजर आए और ट्वीट करके जेरेमी को बधाई दी है.

अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'बहुत खूब! वेटलिफ्टर्स एक के बाद एक गौरव घर ला रहे हैं. #CommonwealthGames में भारत का दूसरा स्वर्ण पदक जीतने के लिए जेरेमी को बधाई. उम्मीद है कि भारत का सिलसिला इसी तरह पूरे खेल में जारी रहेगा!'

बता दें कि जेरेमी ने पुरुष 67 किलोग्राम वर्ग में दबदबा बनाते हुए कुल 300 किलो (140 किलो और 160 किलो) वजन उठाया. उन्होंने समोआ के वेइपावा नीवो इयोन 293 किलो (127 किलो और 166 किलो) और नाइजीरिया के इडिडियोंग जोसेफ उमोआफिया 290 किलो (130 किलो और 160 किलो) को पछाड़ा, जिन्हें क्रमश: रजत और कांस्य पदक मिला.



आइजल के रहने वाले 19 साल के जेरेमी ने खेलों का स्नैच (140 किलो) और कुल भार (300 किलो) का रिकॉर्ड अपने नाम किया. इस दौरान वह चोटिल होने से भी बचे क्योंकि क्लीन एवं जर्क के प्रयास के दौरान दो बार वह काफी दर्द में दिखे.

जेरेमी ने स्नैच में अपने दूसरे प्रयास में 140 किलो वजन उठाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी इडिडियोंग पर 10 किलो की बड़ी बढ़त बनाई. उन्होंने 136 किलो के प्रयास के साथ शुरुआत की थी. जेरेमी ने अंतिम प्रयास में 143 किलो वजन उठाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे.

क्लीन एवं जर्क में 2021 राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में विजेता जेरेमी ने 154 किलो वजन उठाकर शुरुआत की और अपने दूसरे प्रयास में 160 किलो वजन उठाया. वह अपने अंतिम प्रयास में 165 किलो वजन नहीं उठा सके.

भारत का भारोत्तोलन में यह पांचवां पदक है. इससे पहले मीराबाई चानू (स्वर्ण), संकेत सरगर (रजत), बिंदियारानी देवी (रजत) और गुरुराज पुजारी (कांस्य) ने शनिवार को पदक जीते. राष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज लालनेहतलुआंगा के बेटे जेरेमी ने मुक्केबाजी में भी हाथ आजमाए थे, लेकिन वेटलिफ्टिंग से जुड़ गए, क्योंकि इसमें सफल होने के लिए सिर्फ ताकत की जरूरत थी जिससे वह इसके प्रति आकर्षित हु


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