एशिया में विकेट के पीछे खड़े होने में होती है मुश्किल : बेन फोक्स

इंग्लैंड के बेन फोक्स ने रविवार को कहा कि उपमहाद्वीप में स्पिन की अनुकूल पिचों पर स्पिनरों के खिलाफ विकेट पर आगे खड़े होकर विकेटकीपिंग करते हुए एकाग्रता बनाए रखना उन्हें चुनौतीपूर्ण लग रहा है

Update: 2021-01-31 15:33 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |   इंग्लैंड के बेन फोक्स ने रविवार को कहा कि उपमहाद्वीप में स्पिन की अनुकूल पिचों पर स्पिनरों के खिलाफ विकेट पर आगे खड़े होकर विकेटकीपिंग करते हुए एकाग्रता बनाए रखना उन्हें चुनौतीपूर्ण लग रहा है लेकिन वह भारत के खिलाफ चार टेस्ट की सीरीज के दौरान ऐसा करने को लेकर उत्साहित हैं।

इंग्लैंड की रोटेशन नीति के तहत पहली पसंद के विकेटकीपर जोस बटलर पहले टेस्ट के बाद स्वदेश लौटेंगे और ऐसे में फोक्स को दूसरे टेस्ट में विकेटकीपिंग का मौका मिल सकता है जबकि अंतिम दो टेस्ट के लिए जॉनी बेयरस्टॉ टीम से जुड़ेंगे। फोक्स ने रविवार को आनलाइन मीडिया कांफ्रेंस में कहा, ''श्रीलंका या एशिया में मुख्य रूप से मुश्किल लंबे समय तक विकेट पर आगे खड़े होना और एकाग्रता बनाए रखना है, आपको पता है कि गेंद तेजी से स्पिन लेगी इसलिए आपको गेंद पर प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार रहना होता है।'' उपमहाद्वीप की पिचों पर कम उछाल के कारण विकेटकीपर को विकेटों के करीब खड़ा होना होता है। इसके कारण उन्हें प्रतिक्रिया देने के लिए कम समय मिलता है।

फोक्स ने कहा, ''पीछे खड़ा होने भी काफी चुनौतीपूर्ण होता है। प्रतिक्रिया के समय में कमी लाना असली चुनौती है और एशिया में पीछे खड़े होने में मुझे मुश्किल होती है।'' फोक्स ने दो साल के बाद टेस्ट टीम में जगह बनाई है और यह 27 वर्षीय खिलाड़ी भारत जैसी शीर्ष टीम के खिलाफ खेलने को लेकर रोमांचित है। उन्होंने कहा, ''भावनाएं हावी हो रही हैं, थोड़ा नर्वस हूं, भारत में खेलने की संभावना को लेकर काफी रोमांचित। यह खेलने के लिए शानदार जगह है और उनका बल्लेबाजी क्रम सितारों से सजा है। यह देश क्रिकेट को लेकर इतना जुनूनी है और यहां खेलने का मौका मिलना बेहतरीन है।''

फोक्स ने श्रीलंका में 2018 में टेस्ट पदार्पण करते हुए शतक जड़ा था जबकि विकेट के पीछे चार शिकार भी किए थे। सरे के इस क्रिकेटर ने कहा कि वह उपमहाद्वीप में खेलने की चुनौती से वाकिफ हैं। स्वप्निल पदार्पण के बावजूद फोक्स अब तक सिर्फ पांच टेस्ट खेल पाए हैं। वेस्टइंडीज के 2019 के दौरे पर वह बल्ले से जूझते रहे। इसके बाद वह बटलर और बेयरस्टॉ जैसे विश्वस्तरीय विकेटकीपरों की मौजूदगी वाली राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के लिए जूझते रहे हैं।
फोक्स को पता है कि असाधारण प्रदर्शन ही उन्हें अंतिम एकादश में स्थायी जगह दिला सकता है। उन्होंने कहा, ''आपको स्वीकार करना होगा कि आपको तब तक लंबे समय तक मौका नहीं मिलेगा जब तक कि आप प्रत्येक मैच में अच्छा प्रदर्शन नहीं करो। आपको इसका सामना करना होगा और मौका मिलने पर अच्छा प्रदर्शन करना होगा।''


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