ईशांत शर्मा ने डे नाईट मैच में जीत हासिल करने के लिए साथ ही बेहतर प्रदर्शन के पैंतरे साझा किये
भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही चार टेस्ट मैचों की सीरीज का तीसरा मैच 24 फरवरी से अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में खेला जाएगा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही चार टेस्ट मैचों की सीरीज का तीसरा मैच 24 फरवरी से अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में खेला जाएगा। विश्व के सबसे बड़े क्रिकेट मैदान पर यह पहला इंटनेशनल मैच होगा। इसके साथ ही यह पहला मौका होगा जब भारत और इंग्लैंड की टीम एक दूसरे के खिलाफ पिंक बॉल से डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने उतरेंगी। भारत का रिकॉर्ड पिंक बॉल से अबतक कुछ खास नहीं रहा है और सीरीज के नतीजे से लिहाज से यह मुकाबला काफी अहम माना जा रहा है। इसी बीच, ईशांत शर्मा ने डे-नाइट टेस्ट में गेंदबाजों को आने वाली चुनौतियों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह पूछने पर कि क्या भारतीय गेंदबाज सूर्यास्त के समय शॉर्ट गेंद की रणनीति का इस्तेमाल करेंगे, ईशांत ने कहा, 'एक बार जब हम इस मैदान पर खेलने उतरेंगे तो हमें इस बारे में पता चलेगा क्योंकि इसका नवीनीकरण किया गया है और अभी मैं कुछ नहीं कह सकता। हम कुछ नहीं कह सकते कि किस चीज से बल्लेबाज को परेशानी होगी और किससे नहीं, काफी चीजें हैं जिन्हें हमें परखना होगा, हमें नहीं पता कि हम इन चीजों से कैसे निपटेंगे, ओस भी होगी। हां विकेट कैसी होगी और वह (इंग्लैंड) कैसे खेलेंगे, बेशक दूधिया रोशनी में गेंद स्विंग करेगी, लेकिन आपको ओस से निपटना होगा इसलिए काफी चीजें होंगी और आप सीधे तौर पर नहीं कह सकते कि मैच में किसी पलड़ा भारी होगा, तेज गेंदबाजों का या स्पिनरों का।'
ईशांत ने कहा कि डे-नाइट टेस्ट के दौरान एक सेशन के अंदर ही मैच बदल सकता है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि एक सेशन में खेल बदल सकता है और प्रत्येक गेंदबाज को सेशन दर सेशन जिम्मेदारी निभानी होगी, क्या पता शुरुआत से ही गेंद टर्न करने लग जाए। क्या पता पहले दो सत्र में ही स्पिनरों को मदद मिले लेकिन दूधिया रोशनी में जब ओस होगी तो गेंद स्विंग नहीं करेगी, यह तेजी से आएगी और बल्ले पर आसानी से आएगी। तब स्पिनर मुकाबले में नहीं होंगे, तेज गेंदबाज होंगे इसलिए यह स्थिति पर निर्भर करता है और उस समय गेंद और विकेट कैसा बर्ताव करते हैं।'