भारतीय खिलाड़ियों को खूब रास आई है ब्रिटिश जमीं
कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) का आयोजन जब भी ब्रिटिश धरती पर किया गया तब भारतीय खिलाड़ियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और उम्मीद की जा रही है
कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) का आयोजन जब भी ब्रिटिश धरती पर किया गया तब भारतीय खिलाड़ियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और उम्मीद की जा रही है कि निशानेबाजी खेल शामिल नहीं किए जाने के बावजूद बर्मिंघम में 28 जुलाई से शुरू होने वाले खेलों में भी वे नए रिकॉर्ड स्थापित करेंगे. भारत ने अब तक ब्रिटिश धरती पर पांच बार कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लिया और केवल ग्लास्गो 2014 को छोड़कर उसने हर बार अपने पिछले प्रदर्शन से बेहतर परिणाम हासिल किए.
भारत ने पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में 1934 में हिस्सा लिया था जिनका आयोजन लंदन में किया गया था. भारत ने तब केवल दो खेलों एथलेटिक्स और कुश्ती में हिस्सा लिया. पहलवान राशिद अनवर ने 74 किग्रा में कांस्य पदक जीतकर भारत को इन खेलों का पहला पदक दिलाया था. वेल्स के कार्डिफ में 1958 में हुए खेलों में भारत पहली बार दो स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहा था. भारत को यह स्वर्ण पदक उड़न सिख मिल्खा सिंह और पहलवान लीला राम ने दिलाए थे. पहलवान लक्ष्मी कांत पांडे ने रजत पदक जीता था. भारत इससे पहले सिडनी (1938) और वेंकूवर (1954) में कोई पदक नहीं जीत पाया था.
इसके बाद ब्रिटेन में 1970 में स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग में कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन किया गया जिसमें भारत ने 12 पदक जीते थे. इनमें पांच स्वर्ण पदक शामिल हैं. भारत ने अपने पांचों स्वर्ण और तीनों रजत पदक कुश्ती में जीते थे. भारत की तरफ से तब पहलवान वेद प्रकाश, सुदेश कुमार, उदय चंद, मुख्तियार सिंह और हरिश्चंद्र बिराजदार ने सोने के तमगे हासिल किए थे.
एडिनबर्ग में ही 1986 में कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन किया गया था जिनमें भारत ने हिस्सा नहीं लिया था. इसके बाद मैनचेस्टर में 2002 में ब्रिटिश धरती पर कॉमनवेल्थ गेम्स खेले गए और भारत ने तब अपना उस समय तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था. मैनचेस्टर 2002 में भारत 30 स्वर्ण पदक सहित कुल 69 पदक जीतने में सफल रहा था. भारत ने तब ऑस्ट्रेलिया, मेजबान इंग्लैंड और कनाडा के बाद चौथा स्थान हासिल किया था.
भारत ने मैनचेस्टर में 14 स्वर्ण पदक निशानेबाजी में जीते थे लेकिन बर्मिंघम 2022 में इस खेल को शामिल नहीं किया गया है जिसका भारत को सबसे अधिक नुकसान होगा. मैनचेस्टर में ही भारतीय महिला हॉकी टीम ने फाइनल में इंग्लैंड को 3-2 से हराकर सोने का तमगा जीतकर इतिहास रचा था. भारत ने पहली बार 2010 में नई दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी की थी जिसमें उसने 38 स्वर्ण पदक सहित 101 पदक जीते थे लेकिन इसके चार साल बाद ग्लासगो खेलों में वह इस प्रदर्शन को दोहराने में नाकाम रहा था.
ग्लास्गो 2014 में भारत ने 15 स्वर्ण पदक सहित 64 पदक अपने नाम किए थे और वह पांचवें स्थान पर रहा था. भारत ने तब कुश्ती में पांच, निशानेबाजी में चार, भारोत्तोलन में तीन तथा बैडमिंटन, एथलेटिक्स और स्क्वाश में एक एक स्वर्ण पदक हासिल किया था. कॉमनवेल्थ गेम्स 28 जुलाई से बर्मिंघम में शुरू हो रहे है. इसमें भारत के कुल 215 खिलाड़ी 19 खेलों की 141 स्पर्धाओं में भाग लेंगे.