नई दिल्ली: भारत की स्टार स्प्रिंटर का करियर चोटों से काफी प्रभावित रहा है. हिमा इस चोट के चलते टोकियो ओलंपिक में भी जगह नहीं बना सकी थीं. 22 साल की हिमा दास की आखिरी बड़ी प्रतियोगिता साल 2019 में दोहा में आयोजित एशियाई चैंपियनशिप रही थी, जहां उन्हें पीठ दर्द के कारण प्रतियोगिता के बीच में ही हटना पड़ा था.
यही नहीं पिछले साल अक्टूबर में हिमा दास कोरोना वायरस की भी चपेट में आ गई थी. अब हिमा दास कोरोना पॉजिटिव होने के बाद के दिनों को बयां किया है. हिमा ने बताया कि उन्हें एक समय महसूस हुआ कि वह जिंदा नहीं बच पाएंगी.
हिमा ने एक अंग्रेजी अखबार से कहा, 'शिविर में शामिल होने के कुछ ही दिनों बाद मुझे कोविड हो गया. ईमानदारी से कहूं तो यह लगा कि मैं मरने वालाी हूं. चौथे या पांचवें दिन मैं आधी रात में सांस लेने के लिए मैं हांफते हुए उठी. मैंने सारी खिड़कियां और दरवाजा खोल दिया ताकि किसी को मेरे मरने पर प्रवेश करने के लिए दरवाजा न तोड़ना पड़े. यह बहुत ही इमोशनल स्टोरी है, बहुत से लोग इसके बारे में नहीं जानते हैं.
हिमा ने आगे कहा, 'दूसरे दिन मेरा स्वाद, गंध और भूख कुछ घंटों के लिए चमत्कारिक रूप से वापस आ चुका था. यह जादू जैसा था. फिर अगले दिन चला गया और सामान्य स्थिति में लौटने में दो महीने लग गए. मैंने बहुत वजन कम किया था और मेरी मांसपेशियों की ताकत कम हो गई थी. जब मैंने अभ्यास फिर से शुरू किया तो मैं ठीक से नहीं चल पा रहा थी और मुझे सांस लेने में समस्या थी. मेरे फेफड़े पर ज्यादा प्रभाव पड़ा था. डॉक्टरों ने भी मुझसे कहा कि मैं ज्यादा मेहनत न करूं.'
हिमा दास ने हाल ही नेशल इंटर-स्टेट चैम्पियनशिप में 100 मीटर दौड़ में 10.43 सेकेंड का समय निकालकर स्वर्ण पदक पदक पर कब्जा किया था. हिमा दास की नजरें अब एशियन गेम्स के लिए क्वालिफाई करने पर होंगी.