चेन्नई। आत्मविश्वास से भरी भारतीय हॉकी टीम जब शुक्रवार को एशियाई चैम्पियंस ट्राफी (एसीटी) हॉकी टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जापान से भिड़ेगी तो उसकी कोशिश मैच के पूरे 60 मिनट में मजबूत प्रदर्शन जारी रखने और निरंतरता बनाये रखने की होगी। इसमें कोई शक नहीं कि राउंड रॉबिन चरण में चार मैच जीतकर और एक ड्रा खेलकर अंक तालिका में शीर्ष पर रहा भारत इस मैच में प्रबल दावेदार के तौर पर शुरुआत करेगा। लेकिन भारत को जापान से सतर्क रहना होगा क्योंकि वह मेजबान के अलावा ऐसी टीम है जिसे हार का सामना नहीं करना पड़ा है। दोनों टीमों के बीच लीग चरण का मैच भी 1-1 से ड्रा रहा था।
विश्व रैंकिंग की बात की जाये तो दोनों टीमों के बीच काफी बड़ा अतर है जिसमें भारत चौथे और जापान 19वें स्थान पर काबिज है। लेकिन घरेलू टीम को यह नहीं भूलना चाहिए कि ढाका में 2021 चरण के सेमीफाइनल में उसे जापान से 3-5 से हार मिली थी जबकि लीग चरण में उसने अपनी इसी प्रतिद्वंद्वी को 6-0 से हराया था। भारत ने अभी तक टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा (20) गोल किये हैं लेकिन जापान के खिलाफ लीग मैच में खिलाड़ियों ने गोल करने के मौके गंवा दिये थे और मेजबान को शुकवार को अपनी इसी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अपनी खराब ‘फिनिशिंग’ में काफी सुधार करना होगा।
मुख्य कोच क्रेग फुल्टन की टीम जापान के खिलाफ लीग मैच में 15 पेनल्टी कॉर्नर में से केवल एक को ही भुना सकी थी और अब उन्हें पेनल्टी कॉर्नर से गोल करने के तरीके तलाशने होंगे। बुधवार को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान पर भारत की 4-0 की जीत के बाद फुल्टन ने कहा कि उनकी टीम के लिए मैच के चारों क्वार्टर में निरंतरता बरकरार रखना अहम होगा।