वैक्सीन सर्टिफिकेशन को लेकर भारत -ब्रिटेन के बीच विवाद, दोनों देशों के अधिकारियों के बीच हुई वार्ता
वैक्सीन सर्टिफिकेशन को लेकर भारत और ब्रिटेन के बीच पैदा विवाद पर दोनों देशों के अधिकारियों के बीच वार्ता हुई है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | वैक्सीन सर्टिफिकेशन को लेकर भारत और ब्रिटेन के बीच पैदा विवाद पर दोनों देशों के अधिकारियों के बीच वार्ता हुई है। भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने इसे बहुत सकारात्मक तकनीक वार्ता बताया है। उन्होंने कहा, कोविशील्ड वैक्सीन लगवाए लोगों को लेकर कोई समस्या नहीं है। गतिरोध कोविन एप के जरिये वैक्सीन सर्टिफिकेशन को लेकर पैदा हुआ है। उस पर दोनों देश बात कर रहे हैं। कोविशील्ड की नियमानुसार दो खुराक लेकर ब्रिटेन जा रहे भारतीयों को 10 दिन तक क्वारंटाइन किया जा रहा है।
ब्रिटेन ने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाकर भारत से गए लोगों को 18 देशों की उस सूची में नहीं रखा है जहां से आए लोगों को वैक्सीनेटेड माना गया है। जबकि कोविशील्ड वैक्सीन ब्रिटेन की आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का ही भारतीय स्वरूप है। दोनों ही वैक्सीन का उत्पादन भारत का सीरम इंस्टीट्यूट कर रहा है। ब्रिटेन पहुंचे भारतीयों को दस दिन तक एकांतवास में रखे जाने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ब्रिटेन को चेतावनी दी है कि प्रतिक्रियास्वरूप वह भी ब्रिटिश यात्रियों के साथ वैसा ही व्यवहार करेगा। भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने ब्रिटिश विदेशी यात्रियों को लेकर बने मानदंडों को भेदभावपूर्ण कहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को न्यूयार्क में ब्रिटेन की विदेश मंत्री एलिजाबेथ ट्रस से वार्ता में भी इस मसले को उठाया था।
ब्रिटिश उच्चायुक्त एलिस ने कहा, कोविशील्ड को लेकर कोई समस्या नहीं है। ब्रिटेन सबके लिए खुला है। वहां भारत से तमाम लोग गए हैं। ये लोग पर्यटन, व्यापार और पढ़ाई के लिए गए हैं। दोनों देशों के अधिकारियों के बीच सर्टिफिकेशन को लेकर तकनीक चर्चा हुई है। भारत के कोविन एप और ब्रिटेन के एनएचएस एप के सर्टिफिकेशन पर चर्चा हुई है। दोनों देश एक-दूसरे के जारी वैक्सीन सर्टिफिकेट को मान्यता दें, इसे लेकर महत्वपूर्ण वार्ता हुई है। जल्द ही मसला हल हो जाएगा।