भारत ने 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया को उसकी धरती पर 2-1 से हराकर दिया था बड़ा झटका, कप्तान टिम पेन अब ले सकते हैं बदला
टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जीती थी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत ने 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया को उसकी धरती पर 2-1 से हराकर बड़ा झटका दिया था. टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जीती थी. ऑस्ट्रेलिया के कप्तान टिम पेन उस हार को नहीं भूल पाए हैं. टिम पेन ने स्वीकार किया है कि भारत के खिलाफ पिछली टेस्ट सीरीज में 'कचोटने' वाली हार अब भी उन्हें 'पीड़ा' देती हैं. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट की सीरीज की शुरुआत एडिलेड में 17 दिसंबर से दिन-रात्रि मुकाबले के साथ होगी.
दरअसल, यह कप्तान के रूप में पेन की पहली घरेलू सीरीज थी. वह इस बार टीम इंडिया से भिड़ने के लिए लिए बेताब हैं. तत्कालीन कप्तान स्टीव स्मिथ और उप कप्तान डेविड वॉर्नर पर 2018 में गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण के शामिल होने के कारण एक साल का प्रतिबंध लगाया गया था, जिसके बाद पेन को टीम की कमान सौंपी गई थी.
पेन ने 2जीबी के वाइड वर्ल्ड आफ स्पोर्ट्स रेडियो से कहा, 'मैं जब भी इस बारे में सोचता हूं तो निश्चित तौर पर यह कचोटता है कि हम वह टेस्ट सीरीज हार गए.' उन्होंने कहा, 'स्टीव और डेविड हों या नहीं, आप कोई टेस्ट मैच या टेस्ट सीरीज नहीं हारना चाहते, जिसमें आप खेल रहे हों, इसलिए इससे मुझे थोड़ी पीड़ा पहुंचती है.'
Cheteshwar Pujara: can bat, can't dance? 🤣🤣
— cricket.com.au (@cricketcomau) January 7, 2019
Celebrations have well and truly begun for Team India! #AUSvIND pic.twitter.com/XUWwWPSNun
35 साल के इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा कि इस हार के दौरान टीम का हिस्सा रहे प्रत्येक खिलाड़ी में पिछले कुछ वर्षों में सुधार हुआ है. उन्होंने कहा, 'हमारी टीम अब बेहतर आलराउंड टीम है. स्टीव और डेविड के वापस आने से टीम को काफी अनुभवी खिलाड़ी मिले हैं, जिन्होंने ढेरों रन बनाए हैं, लेकिन साथ ही मुझे लगता है कि उस टीम में शामिल प्रत्येक खिलाड़ी में पिछले 18 महीने में सुधार हुआ है और हम काफी अच्छा क्रिकेट खेल रहे है.'
भारत ने पिछली टेस्ट सीरीज में एडिलेड और मेलबर्न में पहला और तीसरा टेस्ट जीता था, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने पर्थ में दूसरे टेस्ट में जीत दर्ज की थी. अंतिम मैच ड्रॉ रहा था. पेन ने कहा कि हार उस सीरीज में शामिल खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगी और यहां तक कि वॉर्नर और स्मिथ भी यह दिखाने को बेताब हैं कि वे क्या करने में सक्षम हैं.