IND vs ENG: टीम इंडिया की नय्या डुबाने में लगे ये तीन दिग्गज खिलाड़ी, ओपनर्स की मेहनत पर फेर रहे पानी

ओपनर्स की मेहनत पर फेर रहे पानी

Update: 2021-08-13 16:01 GMT

भारतीय क्रिकेट टीम अभी इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज में व्यस्त है. सीरीज का दूसरा मैच लॉर्ड्स में खेला जा रहा है. लेकिन पहले दो टेस्ट के साथ ही भारतीय टीम के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. इस समस्या की वजह है विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा. ये तीनों भारत के सबसे सीनियर बल्लेबाज हैं लेकिन अभी इनकी वजह से ही भारत का हाल बुरा हो रखा है. कोहली, पुजारा और रहाणे तीनों एक साथ आउट ऑफ फॉर्म चल रहे हैं और रन नहीं बना पा रहे हैं. इस साल की शुरुआत से यह समस्या शुरू हुई थी और अब इंग्लैंड में भी ऐसा ही हो रहा है. लॉर्ड्स टेस्ट की पहली पारी में पुजारा ने नौ, कोहली ने 42 और रहाणे ने एक रन बनाया. यानी भारत के मिडिल ऑर्डर से केवल 52 रन ही बने. इससे टीम इंडिया के हाथ से 500 से ज्यादा रन बनाने का मौका जाता रहा है.

सबसे पहले बात करते हैं टेस्ट फॉर्मेट में टीम इंडिया के नंबर तीन बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा की. लॉर्ड्स टेस्ट में वे जेम्स एंडरसन का शिकार बने. उन्होंने नौ रन बनाए. वे स्लिप में जॉनी बेयरस्टो के हाथों कैच आउट हुए. उनके आउट होने के तरीके ने काफी चौंकाया भी क्योंकि पुजारा स्लिप में कैच देते नहीं हैं. लेकिन अभी वे फॉर्म से जूझ रहे हैं तो सबकुछ गलत हो रहा है. अब साल 2020 से चेतेश्वर पुजारा के रिकॉर्ड पर नज़र डालें तो पता चलता है कि पिछली 23 पारियों में केवल 552 रन बना सके हैं. इस दौरान उनकी रन बनाने की औसत केवल 25.09 की है. उनके नाम केवल पांच अर्धशतक हैं और इनमें 77 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा है. इस अवधि में पुजारा दो बार खाता खोले बिना आउट हो चुके हैं. पुजारा का आखिरी टेस्ट शतक जनवरी 2019 में बना था.
अगर पुजारा का हाल बुरा है तो कप्तान विराट कोहली की हालत तो और खस्ता है. जनवरी 2020 के बाद से 16 पारियों में वे केवल 387 रन बना सके हैं. औसत है 24.18 का. उनका सर्वोच्च स्कोर 74 रन है. उन्होंने पिछले 19 महीनों में केवल तीन ही अर्धशतक लगाए हैं. साथ ही तीन बार बिना खाता खोले आउट हो चुके हैं. कोहली भी लंबे समय से शतक नहीं लगा पाए हैं. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में आखिरी बार नवंबर 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ शतक लगाया था.
टीम इंडिया के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे भी खराब दौर से गुजर रहे हैं. उन्होंने 22 पारियों में 25.76 की औसत से 541 रन बनाए हैं. इस दौरान उनके बल्ले से एक शतक और एक अर्धशतक निकला है. वे दो बार खाता खोले बिना आउट हुए हैं. रहाणे निरंतरता की कमी से भी जूझ रहे हैं. एक बड़ी पारी खेलने के बाद अगली कुछ पारियों में वे नाकाम रहते हैं. उनके करियर की ऐसी ही कहानी रही है. लेकिन हालिया समय में यह समस्या गहरा गई है.
इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में भारत की सलामी जोड़ी ने 97 रन की साझेदारी की थी. लेकिन पुजारा (4), कोहली (0) और रहाणे (5) रन बनाकर आउट हुए. इससे स्कोर चार विकेट पर 112 रन हो गया था. लॉर्ड्स टेस्ट में पहला विकेट 126 रन पर गिरा लेकिन फिर 282 रन तक पांच विकेट गिर गए. इस तरह की गलतियां भारत के लिए भारी पड़ सकती हैं. भारत को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी इन तीनों बल्लेबाजों की नाकामी के चलते हार का सामना करना पड़ा था. अब टेस्ट चैंपियनशिप का दूसरा चरण शुरू हो चुका है. अगर चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे का खेल ऐसा ही रहा तो भारत की हालत पतली हो सकती है. इंग्लैंड दौरे पर अभी भारत को तीन टेस्ट और खेलने हैं. इसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज होगी.
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