ऋषभ पंत 100 टेस्ट खेलते हैं, तो उनका नाम इतिहास की किताबों में हमेशा के लिए लिखा जाएगा : सहवाग

भारत के पूर्व ओपनिंग बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने दावा किया कि अगर विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत 100 टेस्ट खेलते हैं, तो उनका नाम इतिहास की किताबों में हमेशा के लिए लिखा जाएगा

Update: 2022-05-27 13:23 GMT

भारत के पूर्व ओपनिंग बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने दावा किया कि अगर विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत 100 टेस्ट खेलते हैं, तो उनका नाम इतिहास की किताबों में हमेशा के लिए लिखा जाएगा. पंत टी20 क्रिकेट में अपने कारनामों के कारण सुर्खियों में आए थे. लेकिन हाल ही में उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है, जिसने 30 मैचों में 40.85 की औसत से 1920 रन बनाए, जिसमें चार शतक और नौ अर्धशतक शामिल हैं.

पंत का होगा क्रिकेट पर राज
मार्च में श्रीलंका के खिलाफ दो मैचों की घरेलू सीरीज में 24 वर्षीय पंत ने 120.12 की स्ट्राइक रेट से 185 रन बनाए, जिसमें बेंगलुरु में गुलाबी गेंद के टेस्ट में 28 गेंदों में अर्धशतक शामिल है, जो दूसरे दिन एक भारतीय बल्लेबाज द्वारा बनाए गए सबसे तेज अर्धशतक है. सहवाग ने कहा, 'अगर वह 100 से अधिक टेस्ट खेलते हैं, तो उसका नाम हमेशा के लिए इतिहास की किताबों में दर्ज हो जाएगा. केवल 11 भारतीय क्रिकेटरों ने यह उपलब्धि हासिल की है और हर कोई उन 11 नामों को याद कर सकता है.'
सहवाग भी करते थे घातक बल्लेबाजी
सहवाग खुद टेस्ट क्रिकेट में सबसे विस्फोटक खिलाड़ियों में से एक थे, उन्होंने 82.23 के आश्चर्यजनक स्ट्राइक रेट से 49.34 के औसत से 8586 रन बनाए. वनडे मैचों में 35.05 औसत और 104.33 के स्ट्राइक रेट से 8273 रन बनाए हैं. यह आश्चर्य की बात नहीं थी कि सहवाग को अब भी लगता है कि टी20 प्रारूप अधिक लोकप्रिय और आकर्षक होने के बावजूद टेस्ट क्रिकेट भविष्य में खेल का बेहतर फॉर्मेट बना रहेगा.
कोहली पर भी कही ये बात
सहवग ने कहा, 'मेरी राय में टेस्ट क्रिकेट ही किसी खिलाड़ी के लिए सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट है. विराट कोहली टेस्ट खेलने पर इतना जोर क्यों देते हैं? वह जानते हैं कि अगर वह 100-150 या 200 टेस्ट भी खेलते हैं, तो वह रिकॉर्ड बुक में अमर हो जाएंगे.' सहवाग को पहली गेंद पर बाउंड्री मारने के उनके विचार के लिए भी याद किया जाता है, जो उन्होंने 2011 विश्व कप के विजई अभियान के दौरान पांच बार किया था.
इसके बारे में पूछे जाने पर सहवाग ने टिप्पणी की, 'सचिन तेंदुलकर सहित कई लोगों ने मुझसे कहा कि मैंने पहली गेंद को मारने की योजना बनाई है. लेकिन मैंने ऐसा कभी नहीं किया. मैं पहली गेंद को यह सोचकर मारने के लिए तैयार रहता था कि यह वार्मअप या खराब गेंद होगी.


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