ICC के निलंबित सीईओ मनु ने लगाए गंभीर आरोप, बोले- मेरे खिलाफ साजिश के तहत हो रही है जांच
ICC के निलंबित सीईओ मनु ने लगाए गंभीर आरोप
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (International Cricket Council) से दुर्व्यवहार के आरोपों के कारण निलंबित किए गए सीईओ मनु साहनी (Manu Sawhney) ने क्रिकेट की संचालन संस्था की उनके खिलाफ जांच को पूर्व नियोजित साजिश करार दिया. ऑडिट कंपनी पीडब्ल्यूसी की आंतरिक जांच में साहनी का आचरण जांच के दायरे में आ गया था जिसके बाद उन्हें 'अवकाश' पर भेज दिया गया.उन पर आरोप लगा था कि अपने साथियों के साथ उनका बर्ताव खराब था और वे दबंग की तरह काम करते थे. साहनी सिंगापुर स्पोर्ट्स हब के सीईओ भी रहे हैं और ईएसपीएन स्टार स्पोर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर भी रहे हैं. इस कंपनी के साथ वे 17 साल तक रहे थे. साहनी ने 17 जून को अनुशासनात्मक सुनवाई में अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब दिया था.
साहनी ने कहा, 'मेरी स्पष्ट राय है और कोई भी समझने वाला यह समझ सकता है कि मैं पूर्व नियोजित साजिश का शिकार बना हूं. निष्पक्ष प्रक्रिया शुरू करने या मुझे निष्पक्ष सुनवाई का मौका देने का सारा दावा छोड़ दिया गया है. आईसीसी की आंतरिक नीतियों और यहां तक कि नैसर्गिक न्याय के बुनियादी सिद्धांतों का पालन करने का प्रयास तक नहीं किया गया है. ये आरोप पूरी तरह से अज्ञात बयानों पर आधारित हैं जिनके बारे में किसी ने जांच या पुष्टि करने की कोशिश नहीं की. इनके आधार पर मैं अपनी आजीविका और छवि खो सकता हूं. साफ कहूं तो यह एक स्कैंडल है. मेरा मानना है कि यह मेरे और आईसीसी के सम्मान के लिए जरूरी है कि मैं मुझे ऑफिस से निकालने की कोशिश को रोकूं.'
दोषी ठहराए जाने पर अपील करेंंगे साहनी
उन्होंने कहा, 'मैं इस बात को तय करने को लेकर संकल्पित हूं कि आईसीसी में मेरे रहने के दौरान जो उपलब्धियां हासिल हुईं उन्हें इतिहास से मिटा न दिया जाए. आईसीसी की अनुशासनिक नीति के पैराग्राफ सात और मेरे एम्लॉयमेंट कॉन्ट्रेक्ट की धारा 17.4 के तहत मैं दोषी ठहराए जाने के किसी भी फैसले के खिलाफ बोर्ड में अपील करने के अधिकार का भी इस्तेमाल करूंगा.' साहनी ने पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में सही तरीके से अनुशासनिक जांच नहीं हुई है. इसमें केवल आईसीसी के कल्चर और उसके सांगठनिक व्यवहार को समझने की कोशिश ही की गई है.