ब्लाइंड वर्ल्ड कप क्रिकेट में रचा इतिहास: अब परिवार चलाना हुआ मुश्किल, 250 रुपये में मजदूरी कर रहा ये खिलाड़ी

Update: 2021-08-09 03:49 GMT

अहमदाबाद. आपको याद होगा साल 2018 में टीम इंडिया ने ब्लाइंड वर्ल्ड कप क्रिकेट (Blind World Cup 2018) का खिताब जीत कर इतिहास रच दिया था. ये जीत बेहद खास थी. टीम इंडिया ने फ़ाइनल में पाकिस्तान को हराया था. इस जीत के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने खूब वाहवाही लूटी. राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री हर किसी ने खिलाड़ियों को शाबासी दी थी. लेकिन इस बड़ी उपलब्धि के तीन साल बाद आज इस टीम का एक सदस्य पाई-पाई के लिए मोहताज है. ये हैं गुजरात के नरेश तुमडा (Naresh Tumda). उन्हें अपने परिवार चलाने के लिए मजदूरी करनी पड़ रही है.

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए नरेश तुमडा ने कहा कि सरकार से बार-बार मदद की गुहार के बाद भी अभी तक कुछ नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, 'मैं एक दिन में सिर्फ 250 रुपये कमाता हूं. मैंने गुजरात के सीएम से मदद के लिए तीन बार गुहार लगाई, लेकिन अभी तक उनका कोई जवाब नहीं आया है. मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि मुझे कोई नौकरी दे, जिससे कि मैं अपना परिवार चला सकूं.'
29 साल के तुमडा पिछले साल लॉकडाउन में सब्जी बेच रहे थे. इससे परिवार का खर्चा नहीं चला तो उन्होंने मजदूरी का काम करना शुरू कर दिया. इन दिनों वो ईंट उठाकर मुश्किल से परिवार चलाते हैं. उन्होंने कहा, 'मेरे माता-पिता बूढ़े हैं. मेरे पिता नौकरी के लिए जाने में असमर्थ हैं. यानी मैं परिवार का एकमात्र कमाने वाला हूं. पिछले साल जमालपुर मार्केट में सब्जियां बेचता था. लेकिन उससे ज्यादा कमाई नहीं हुई.'
नरेश तुमडा बेहद प्रतिभाशाली क्रिकेटर रहे हैं. सिर्फ पांच साल की उम्र में उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था. मुश्किलों की परवाह किए बिना उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की. पांच साल की उम्र में ही उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी. साल 2014 में उनका चयन गुजरात की टीम में हुआ. इसके बाद उन्हें भारतीय टीम में खेलने का मौका मिला. वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान के 308 रनों के बड़े लक्ष्य को 8 विकेट खो कर पूरा कर लिया था.
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