New Delhi नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम (Indian men's hockey team) से भी काफी उम्मीदें हैं। टीम लगातार दूसरे ओलंपिक मेडल के लिए प्रतिस्पर्धा करेगी। अनुभवी और युवा खिलाड़ियों का मिश्रण इस बार मेडल का रंग बदलने का भी माद्दा रखता है। ओलंपिक में पहली बार कप्तानी कर रहे हरमनप्रीत सिंह से भी टीम और फैंस को काफी उम्मीदें होगी।
भारत 27 जुलाई को अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड से भिड़ेगा। यह इस मुकाबले से पहले भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने अपनी और टीम की तैयारियों पर भरोसा जताया है। मैच भारतीय समयानुसार रात 9 बजे से खेला जाएगा।
गोलकीपर पीआर श्रीजेश और मनप्रीत सिंह जैसे दिग्गज खिलाड़ी इस टीम का हिस्सा हैं, जो अपना चौथा ओलंपिक खेलेंगे जबकि कप्तान हरमनप्रीत सिंह का यह तीसरा ओलंपिक होगा। राज कुमार पाल और सुखजीत सिंह जैसे कुछ ऐसे नाम भी टीम का हिस्सा है जो ओलंपिक में डेब्यू करेंगे।
हॉकी सूझबूझ के साथ फुर्ती का खेल है। ऐसे में युवा और अनुभवी दोनों खिलाड़ियों का टीम में अहम रोल होगा। अनुभवी खिलाड़ी अपनी रणनीति से विरोधी खिलाड़ियों को मात दे सकते हैं, जबकि युवा खिलाड़ी की ताकत सीनियर खिलाड़ियों का अनुभव और उनकी फुर्ती हो सकती है। साथ ही कप्तान हरमनप्रीत सिंह भारतीय हॉकी टीम के लिए 'एक्स फैक्टर' हो सकते हैं।
हरमनप्रीत सिंह ने ड्रैग-फ्लिक सुपरस्टार के रूप में विश्व हॉकी में अपना नाम कमाया है और हाल के वर्षों में भारतीय हॉकी को आगे बढ़ाने में उनका एक खास योगदान रहा है। पेनल्टी कॉर्नर स्पेशलिस्ट के दमदार फ्लिक, डिफेंस में असाधारण प्रदर्शन के साथ हरमनप्रीत सिंह ने काफी प्रशंसा हासिल की है, जिनमें से मुख्य आकर्षण टोक्यो 2020 में ओलंपिक कांस्य पदक और एशियन गेम्स 2023 में स्वर्ण पदक है। छह गोल के साथ, हरमनप्रीत सिंह टोक्यो 2020 में भारतीय हॉकी टीम के शीर्ष स्कोरर रहे।
हरमनप्रीत अपनी लय में रहे तो वो विरोधी टीम पर कहर बनकर टूट सकते हैं और भारत ओलंपिक में एक बार फिर अपनी छाप छोड़ने में सफल हो सकता है।
भारत को ओलंपिक चैंपियन बेल्जियम, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड और न्यूजीलैंड के साथ एक ग्रुप में रखा गया है। भारत को अगर ओलंपिक के इतिहास में सबसे सफल पुरुष हॉकी टीम के रूप में अपना दबदबा कायम रखना है तो उसे अपने खेल में शीर्ष पर रहना होगा।
--आईएएनएस