गावस्कर ने बताया की भारत कैसे जीत सकता है अगले दो ICC वर्ल्ड कप का खिताब

फिल्म 83 के अंत में आंसुओं को रोक पाना काफी कठिन था। अपने करियर के बेहतरीन पल को देखकर खुशी के आंसू आ गए जब कपिल देव ने विश्व कप ट्राफी ली और उसे उठाई

Update: 2021-12-26 15:42 GMT

फिल्म 83 के अंत में आंसुओं को रोक पाना काफी कठिन था। अपने करियर के बेहतरीन पल को देखकर खुशी के आंसू आ गए जब कपिल देव ने विश्व कप ट्राफी ली और उसे उठाई। मुझे नहीं पता सिनेमा घर में खड़े होकर तालियां बजाने से मैंने खुद को कैसे रोका। 83 फिल्म ने इस कदर मेरे जैसे पुरुष और क्रिकेट प्रशंसक पर अपना प्रभाव डाला। इसमें हम सभी लोगों को वैसा ही दिखाया जैसे हमें दूसरों ने 1983 में देखा होगा। हमने यशपाल शर्मा को काफी याद किया। यश उस जीत का अहम हिस्सा थे। उन्होंने हमारे पहले मैच और सेमीफाइनल में खेल के रुख को बदला। उस महीने उनकी ऊर्जा का स्तर एकदम अलग था। मैदान पर उन्होंने काफी रन बचाए और सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ एलन लैंब के रन आउट को कौन भूल सकता है।

कबीर खान और उनकी टीम ने इन पलों को रीक्रिएट करने में काफी शानदार काम किया है और अभिनेताओं को उस तरह तैयार करने में कड़ी मेहनत की है। सभी खिलाड़ियों को लगा कि इस फिल्म में काम करने वाले सभी अभिनेता बिलकुल उनके जैसे ही दिख रहे हैं। यह टीम 14 खिलाड़ियों और एक मैनेजर की थी जिसने पूरी दुनिया जीत ली थी। उस वक्त फील्ड प्रतिबंध नहीं था और बाउंसर फेंकने की कोई सीमा तय नहीं थी।

इंग्लिश वातावरण में लाल गेंद थी जो चमक जाने के बावजूद मूव करना कम ही बंद करती थी। उस टीम में कई आलराउंडर थे और सीमित ओवर के क्रिकेट में यह काफी महत्वपूर्ण होता है। 2007 और 2011 में भी ऐसे बल्लेबाज थे जो गेंदबाजी कर सकते थे और ऐसे गेंदबाज थे जो बल्ले से कमाल करने में सक्षम थे। अगर भारत दो आलराउंडर की खोज कर लेता है तो हमारे पास 2022 में आस्ट्रेलिया में होने वाला टी-20 विश्व कप और 2023 में भारत में होने वाले 50 ओवर के विश्व कप को जीतने का मौका रहेगा।
फिलहाल भारतीय टीम का ध्यान दक्षिण अफ्रीका में शुरू होने वाले टेस्ट मैच पर है। भारत ने दक्षिण अफ्रीका में कभी टेस्ट सीरीज नहीं जीती है और वह इस बार वहां फतह करने के इरादे से उतरेगी। दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट में खिलाडि़यों के बीच नस्ली असामंजस्य की कहानियां चल रही हैं। उन्होंने अपने कई शीर्ष खिलाड़ियों को खो दिया है जो संन्यास ले चुके हैं। सच तो यह है कि दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी थोड़ी कमजोर और नाजुक दिख रही है। इस बीच, उनके तेज गेंदबाज एनरिक नोत्र्जे भी टेस्ट सीरीज से बाहर हो गए हैं। दूसरी ओर इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया में सीरीज हारने की ओर बढ़ रहा है।
सीरीज का रुख तब तक नहीं बदलता दिख रहा जब तक क्रिसमस की प्रार्थना काम न करे। इंग्लैंड की बल्लेबाजी आस्ट्रेलियाई पिचों पर अतिरिक्त बाउंस से पार नहीं पा रही है। इंग्लैंड के खिलाड़ी इंग्लिश परिस्थितियों के अनुकूल ढले हैं। इंग्लैंड के बल्लेबाज इस प्रकार आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों के लिए आसान कड़ी बन गए हैं और नाथन लियोन के खिलाफ भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। डेविड वार्नर के फार्म में वापस आने और मार्नस लाबुशाने के यह बताने कि वह दुनिया में नंबर-1 बल्लेबाज क्यों हैं, से स्टीव स्मिथ पर दबाव कम रहा। इंग्लैंड की कैचिंग भी अजीब रही और जितने बल्लेबाज का विवरण किया उनमें से सभी को एक बार जीवनदान मिला।
अगर इंग्लैंड सीरीज गंवा देता है जिसके वह करीब है तो जो रूट की कप्तानी खतरे में आ जाएगी। यह सब भारत की आस्ट्रेलिया में पिछली शानदार जीत के महत्व को दर्शाता है, वो भी टेस्ट क्रिकेट में अपने सबसे कम स्कोर पर आउट होने के बाद। हां, मेलबर्न और फिर ब्रिसबेन की जीत बहुत बड़ी थी और कौन जानता है कि कई वर्षो बाद अगर इसे बड़े पर्दे पर लाया जाए तो सबके आंसू आ जाएं जैसे 83 पर आए।


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