गावस्कर ने बताया की भारत कैसे जीत सकता है अगले दो ICC वर्ल्ड कप का खिताब
फिल्म 83 के अंत में आंसुओं को रोक पाना काफी कठिन था। अपने करियर के बेहतरीन पल को देखकर खुशी के आंसू आ गए जब कपिल देव ने विश्व कप ट्राफी ली और उसे उठाई
फिल्म 83 के अंत में आंसुओं को रोक पाना काफी कठिन था। अपने करियर के बेहतरीन पल को देखकर खुशी के आंसू आ गए जब कपिल देव ने विश्व कप ट्राफी ली और उसे उठाई। मुझे नहीं पता सिनेमा घर में खड़े होकर तालियां बजाने से मैंने खुद को कैसे रोका। 83 फिल्म ने इस कदर मेरे जैसे पुरुष और क्रिकेट प्रशंसक पर अपना प्रभाव डाला। इसमें हम सभी लोगों को वैसा ही दिखाया जैसे हमें दूसरों ने 1983 में देखा होगा। हमने यशपाल शर्मा को काफी याद किया। यश उस जीत का अहम हिस्सा थे। उन्होंने हमारे पहले मैच और सेमीफाइनल में खेल के रुख को बदला। उस महीने उनकी ऊर्जा का स्तर एकदम अलग था। मैदान पर उन्होंने काफी रन बचाए और सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ एलन लैंब के रन आउट को कौन भूल सकता है।
कबीर खान और उनकी टीम ने इन पलों को रीक्रिएट करने में काफी शानदार काम किया है और अभिनेताओं को उस तरह तैयार करने में कड़ी मेहनत की है। सभी खिलाड़ियों को लगा कि इस फिल्म में काम करने वाले सभी अभिनेता बिलकुल उनके जैसे ही दिख रहे हैं। यह टीम 14 खिलाड़ियों और एक मैनेजर की थी जिसने पूरी दुनिया जीत ली थी। उस वक्त फील्ड प्रतिबंध नहीं था और बाउंसर फेंकने की कोई सीमा तय नहीं थी।