पूर्व चयनकर्ता गगन खोड़ा ने भारतीय टीम की प्लेइंग इलेवन पर उठाए सवाल...बताया कहां हुई चूक
ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में न्यूजीलैंड से भारत की हार ने टीम मैनेजमेंट और खिलाड़ियों पर काफी सवाल खड़े कर दिए हैं।
ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में न्यूजीलैंड से भारत की हार ने टीम मैनेजमेंट और खिलाड़ियों पर काफी सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व चयनकर्ता गगन खोड़ा ने भी भारत की हार पर निराशा व्यक्त की, क्योंकि उनका मानना था कि टीम ने प्लेइंग इलेवन चुनते समय गलती की। डब्ल्यूटीसी फाइनल में टीम इंडिया के ओपनिंग संयोजन में शुभमन गिल और रोहित शर्मा थे। रोहित का स्थान सलामी बल्लेबाज के तौर पर पक्का था, लेकिन मयंक अग्रवाल और शुभमन गिल के बीच किसे चुना जाना चाहिए, इस पर संदेह था।
मयंक अग्रवाल ने पूरे डब्ल्यूटीसी में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान सलामी बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन करने में असफल रहे। ऐसे में शुभमन गिल को मौका मिला और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ कुछ अर्धशतक जड़े। इसी को ध्यान में रखते हुए रोहित शर्मा के साथ निरंतरता रखने के चक्कर में WTC फाइनल में गिल को मौका मिला, लेकिन गिल फ्लॉप रहे। अब चयनकर्ताओं की समिति का हिस्सा रहे पूर्व क्रिकेटर गगन खोड़ा ने बताया है कि उन्हें कहां खिलाना चाहिए।
गगन खोड़ा ने कहा है कि शुभमन गिल पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण की तरह हैं। इसलिए उनको मध्य क्रम में मौका देना चाहिए। उन्होंने स्पोर्ट्सकीड़ा से बात करते हुए कहा, "ऐसा होने का मतलब नहीं था। शुभमन गिल ओपनर नहीं हैं। वह वीवीएस लक्ष्मण की तरह हैं, उन्हें मध्यक्रम में बल्लेबाजी करनी चाहिए। भारत को मयंक अग्रवाल को रोहित शर्मा के साथ ओपनर के तौर पर चुनना चाहिए था, जिनके केवल दो खराब टेस्ट मैच थे। यहां तक कि पृथ्वी शॉ को ऑस्ट्रेलिया में सिर्फ एक विफलता के बाद टीम से बाहर कर दिया गया था।"
आगे बातचीत में गगन खोड़ा ने ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा के प्लेइंग इलेवन में चयन पर सवाल उठाया। साउथैंप्टन में पिच तेज गेंदबाजों के पक्ष में होने के बावजूद, भारत दो स्पिनरों और तीन तेज गेंदबाजों के संयोजन के साथ गया, जबकि रवि अश्विन ने दो पारियों में चार महत्वपूर्ण विकेट लेकर टीम में अपनी स्थिति को सही ठहराया, लेकिन जडेजा असफल रहे। ऐसे में गगन खोड़ा ने कहा है कि जडेजा की जगह भारतीय को विशेषज्ञ बल्लेबाज को या फिर शार्दुल ठाकुर जैसे गेंदबाज को मौका देना चाहिए थे, जो बल्ले से भी योगदान दे सकते हैं।