पहली बार इंग्लैंड घरेलू समर में टेस्ट सीरीज जीतने में रहा नाकाम, टीम इंडिया से मिली हार ने कुरेदा 20 साल पुराना जख्म

ओवल टेस्ट (Oval Test) में टीम इंडिया (Team India) से मिली करारी

Update: 2021-09-07 05:36 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| ओवल टेस्ट (Oval Test) में टीम इंडिया (Team India) से मिली करारी हार का दर्द इंग्लैंड 9England) के लिए बहुत ज्यादा है. ये हार उसके लिए महज एक मैच गंवाना नहीं, बल्कि 20 साल पुराने दर्द को कुरेदने वाला है. कहने को अभी टेस्ट सीरीज का एक और मैच बचा है. पर फायदा क्या? इंग्लैंड की टीम अगर उसे जीत भी लेती है तो भी उसके साथ जो घटना घटनी थी वो तो घट चुकी. उसका पुराना जख्म अब फिर से एक बार उबर चुका है. बेशक आप सोच रहे होंगे कि इंग्लैंड को मिला वो दर्द, वो जख्म आखिर है क्या?

सवाल बड़ा है पर जवाब हाजिर. ओवल टेस्ट गंवाते ही इंग्लैंड को जो जख्म मिला है, वो आखिरी बार उसे साल 2001 में मिला था. जी हां, ये जख्म जो टीम इंडिया के ढाए सितम से उबरा है उसका कनेक्शन इंग्लैंड के घरेलू समर से है. दरअसल, साल 2001 के बाद ये पहली बार है, जब इंग्लैंड की टीम अपने घरेलू समर में एक भी टेस्ट सीरीज जीतने नहीं जा रही. टीम इंडिया के खिलाफ 5 टेस्ट की सीरीज इस कड़ी में उसकी आखिरी उम्मीद थी. लेकिन, विराट कोहली के रणबांकुरों के ओवल जीत लेने के बाद वो भी धूमिल हो गई.

1986 के बाद पहली बार हो सकता है ऐसा

मैनचेस्टर में 5वां टेस्ट मैच जीतकर इंग्लैंड की टीम बस सीरीज को 2-2 की बराबरी पर ला सकती है. पर उसे जीत नहीं सकती. और, अगर मैनचेस्टर में भी इंग्लैंड की टीम मटियामेट हो गई तो तब तो फिर 35 साल पुराना एक और दर्द उसके गले पड़ने का इंतजार कर रहा होगा. दरअसल, मैनचेस्टर हारते ही 1986 के बाद पहली बार ऐसे होगा जब इंग्लैंड की टीम एक ही समर में 2 घरेलू टेस्ट सीरीज गंवा देगी. इससे पहले वो जून में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली टेस्ट सीरीज 1-0 से गंवा चुका है.

विराट सम्राट, टीम इंडिया की ठाठ

उधर टीम इंडिया ने अगर मैनचेस्टर जीत लिया तो 5 टेस्ट की सीरीज पर उसका 3-1 से कब्जा हो जाएगा. और, फिर 2007 के बाद ये इंग्लैंड में उसकी पहली टेस्ट सीरीज जीत होगी. विराट कोहली की कप्तानी में भी ये इंग्लैंड में मिली भारत की पहली टेस्ट सीरीज जीत होगी. भारत ने जैसा प्रदर्शन नॉटिंघम में किया. जैसे क्रिकेट का मक्का लॉर्ड्स जीता और अब ओवल फतह किया, उसे देख मैनचेस्टर का मैदान मारना मुश्किल नहीं लग रहा. क्योंकि, इतनी उपलब्धियों के बाद हौसले बुलंद जो हैं.

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