शर्मनाक रिकॉर्ड: जब टीम इंडिया के '0' रन पर गिरे थे 4 विकेट, पूरा किस्सा आज भी हैरान करता है
भारतीय क्रिकेट टीम ने आजादी के बाद पहली बार 1952 में इंग्लैंड का दौरा किया था. उस दौरे के पहले ही टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने एक ऐसा शर्मनाक रिकॉर्ड बनाया था, जो आज भी हैरान करता है. 69 साल पहले आज ही के दिन (7 जून) भारतीय टीम ने एक टेस्ट पारी में बिना कोई रन बनाए 4 विकेट गंवा दिए थे. ये 144 साल के टेस्ट इतिहास में किसी भी पारी की सबसे खराब शुरुआत का रिकॉर्ड है, जो आज तक कायम है.
भारत के विभाजन के बाद अब्दुल हफीज कारदार, आमिर इलाही और गुल मोहम्मद जैसे खिलाड़ी पाकिस्तान चले गए शामिल थे. ऐसे में विजय हजारे की कप्तानी वाली टीम कमजोर बेहद कमजोर पड़ गई. दूसरी ओर, लेन हटन की इंग्लिश टीम मे कई बड़े नाम शामिल थे. 4 मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला लीड्स के मैदान पर 5 जून को शुरू हुआ. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने पहली पारी में 293 रन बनाए. भारत की ओर से विजय मांजरेकर ने शानदार 133 और कप्तान विजय हजारे ने 89 रनों का योगदान दिया. इंग्लैंड की ओर से जिम लेकर ने 4 और डेब्यू टेस्ट मैच खेल रहे फ्रेड ट्रूमैन ने 3 विकेट चटकाए थे. टीम इंडिया के 293 रनों के जवाब में इंग्लैंड ने 334 रन बनाकर 41 रनों की अहम बढ़त हासिल कर ली.
अब टेस्ट मैच के तीसरे दिन यानी 7 जून को एक शर्मनाक रिकॉर्ड टीम इंडिया का इंतजार कर रहा था. दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने अपने शुरुआती 4 विकेट शून्य के स्कोर पर ही गंवा दिए. चार में से तीन खिलाड़ियों को तो नवोदित खिलाड़ी फ्रेड ट्रूमैन ने आउट किया था.
पहले ओवर की दूसरी गेंद पर ट्रूमैन ने पंकज रॉय (0) को चलता कर दिया. अगले ओवर में दूसरे ओपनर दत्ता गायकवाड़ भी एलेक बेडसर की गेंद पर बिना कोई रन बनाए चलते बने. तीसरे ओवर की पहली गेंद पर ट्रूमैन ने विकेटकीपर माधव मंत्री (0) को बोल्ड कर दिया. मगर हालात उस वक्त बेहद खराब हो गए जब ट्रूमैन ने अगली गेंद पर विजय मांजरेकर (0) को भी बोल्ड कर दिया. ऐसे में भारत का स्कोर 0-4 हो चुका था.
भारत 2.2 ओवरों में बिना रन बनाए 4 विकेट खो चुका था. हालांकि बाद में कप्तान विजय हजारे (56) और दत्तू फडकर (64) ने अर्धशतक जड़कर भारत को शर्मनाक स्कोर पर आउट होने से बचा लिया. भारतीय टीम की दूसरी पारी 165 रनों पर सिमट गई और इंग्लैंड ने उस मुकाबले को 7 विकेट से जीत लिया था.
वीनू मांकड़ का ऑलराउंड प्रदर्शन
पहले मैच में हार के बाद भारत ने बचे हुए तीन मैचों के लिए वीनू मांकड़ को अपनी टीम में शामिल किया. लॉर्ड्स में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में मांकड ने पहली पारी में 72 रन बनाए और फिर गेंदबाजी में 196 रन देकर 5 विकेट चटकाने में कामयाब रहे. इसके बाद भारत ने दूसरी पारी में 378 रन बनाए, जिसमें से वीनू ने अकेले 184 रन कूट डाले थे. उनकी धुआंधार पारी का अंदाजा इसी से लग जाता है कि जब वीनू आउट हुए थे, उस वक्त भारत का स्कोर था 3 विकेट पर 270 रन था.
इसके अलावा जब वो दूसरी पारी में गेंदबाजी करने आए तब उन्हें कोई विकेट तो नहीं मिला. लेकिन 24 ओवरों में उन्होंने केवल 35 रन दिए और इस दौरान कुल 12 मेडन ओवर डालने में कामयाब रहे थे. हालांकि मांकड़ की बेहतरीन गेंदबाजी और बल्लेबाजी के अलावा इस मैच में भारत के लिए कुछ भी यादगार नहीं रहा था. दूसरे टेस्ट मैच को अंग्रेजों ने 8 विकेट से अपने नाम कर सीरीज में 2-0 की बढ़त ले ली थी.
दिन में दो बार आउट हुई भारतीय टीम
ओल्ड ट्रैफर्ड में खेला गया सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच भारत के लिहाज से और शर्मनाक रहा. टेस्ट मैच के तीसरे दिन की सुबह इंग्लैंड ने 9 विकेट के नुकसान पर 347 रन बनाकर अपनी पहली पारी घोषित कर दी. लेकिन इसके बाद जो हुआ वो भारतीय क्रिकेट फैंस कभी याद नहीं रखना चाहेंगे.
तीसरे ही दिन विजय हजारे की कप्तानी वाली टीम इंडिया 2 बार ऑलआउट हो गई. भारत की पहली पारी 58 और दूसरी 82 रनों पर सिमट गई थी. इंग्लैंड की ओर से पहली पारी में फ्रेड ट्रूमैन ने 8 और दूसरी पारी में एलेक बेडसर ने 5 विकेट चटकाए थे. भारतीय टीम के 20 विकेट 58.1 ओवरों में ही गिर गए थे. नतीजतन भारत को उस मैच में पारी और 207 रनों से करारी शि-कस्त झेलनी पड़ी थी.
इसके बाद बारिश की वजह से चौथा टेस्ट बेनतीजा रहा, जिसके चलते भारत क्लीन स्वीप से बच गया. उस मैच में इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी 6 विकेट पर 326 रनों के स्कोर पर घोषित कर दी. जवाब में भारत की पहली पारी 98 रनों पर ढेर हो गई थी. पहली पारी में एक वक्त टीम इंडिया ने अपने 5 विकेट महज 6 रनों पर खो दिए थे. बाद में कप्तान विजय हजारे ने 38 रन बनाकर भारत का सम्मान बचा लिया था. पूरी सीरीज में फ्रेड ट्रूमैन और एलेक बेडसर की इंग्लिश जोड़ी ने भारतीय बल्लेबाजों के होश उड़ा दिए थे. चार मैचों में ट्रूमैन ने 29 और बेडसर ने 20 विकेट अपने नाम किए थे.