अविनाश साबले से मिली निराशा, 3000 मीटर स्टीपलचेस के फाइनल राउंड में नहीं पहुंच पाए
खेल: शनिवार को बुडापेस्ट में विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप (World Athletics Championships 2023) का आगाज हो गया है। इस चैंपियनशिप में भारत के राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी एथलीट अविनाश साबले को निराशा हाथ लगी है। दरअसल, साबले अपनी हीट में निराशाजनक सातवें स्थान पर रहकर विश्व चैम्पियनशिप की 3000 मीटर स्टीपचलचेस स्पर्धा के फाइनल राउंड के लिए क्वालीफाई करने में नाकामयाब रहे।
बता दें कि, साबले से उम्मीद की जा रही थी कि, वह फाइनल के लिए क्वालीफाई करेंगे। लेकिन वह अपनी हीट (पहली) रेस में आठ मिनट 22.24 सेकेंड के समय से सातवें स्थान पर रहे। खेल मंत्रालय के खर्चे पर कई महीनों से विश्व चैम्पियनशिप की तैयारी के लिए विदेश में ट्रेनिंग कर रहे 28 वर्षीय साबले को इसी कारण घरेलू प्रतियोगिताओं में भाग लेने से छूट दी गयी थी। प्रत्येक तीन हीट में से शीर्ष पांच पांच खिलाड़ी ही फाइनल राउंड के लिए क्वालीफाई करते हैं। साबले फिर बड़े मंच पर विफल रहे, वह 2300 मीटर तक बढ़त बनाये थे लेकिन लय खो बैठे, विशेषकर अंतिम लैप में जिससे वह अपने आठ मिनट 11.20 सेकेंड के समय से राष्ट्रीय रिकॉर्ड से काफी पीछे रहे।
साबले के कम से कम फाइनल के लिए क्वालीफाई करने की उम्मीद थी। चैम्पियनशिप के पहले दिन उनका प्रदर्शन भारतीय खेमे के लिये हताशा से भरा रहा। साबले की यह तीसरी विश्व चैम्पियनशिप थी और पहली बार वह फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके। वह पिछले साल अमेरिका के यूजीन में फाइनल में 11वें स्थान और 2019 दोहा चरण में 13वें स्थान पर रहे थे। विश्व रिकॉर्डधारी इथियोपिया के लामेचा गिरमा आठ मिनट 15.89 सेकेंड के सर्वश्रेष्ठ समय से फाइनल में पहुंचे, उन्होंने तीसरी हीट जीती। वहीं ओलंपिक और विश्व चैम्पियन मोरक्को के सौफियाने एल बकाली दूसरी हीट में 8:23.66 सेकेंड के समय से दूसरे स्थान से फाइनल में पहुंचे।
भारतीय खिलाड़ी पुरुषों की 20 किमी पैदल चाल में भी निराश किया। 50 प्रतिभागियों में विकास सिंह एक घंटे 21 मिनट 58 सेकेंड से 28वें, परमजीत सिंह (1:24:02) 35वें और आकाशदीप सिंह (1:31:12) 47वें स्थान पर रहे। राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी आकाशदीप का प्रदर्शन (राष्ट्रीय रिकार्ड 1:19:55) सबसे निराश करने वाला रहा क्योंकि वह रेस ख्त्म करने वाले अंतिम एथलीट रहे। दो एथलीट रेस खत्म नहीं कर सके और एक ‘डिस्क्वालीफाई’ हो गया।
साबले पिछले कुछ समस से अमेरिका के कोलाराडो स्प्रिंग्स में ऊंचे इलाके में ट्रेनिंग कर रहे थे। बल्कि उन्होंने अमेरिका में अपनी ट्रेनिंग पिछले साल अप्रैल में मशहूर कोच स्कॉट सिमन्स के मार्गदर्शन में शुरू की थी जिसके लिए खेल मंत्रालय की ‘टारगेट ओलंपिक पोडियम’ योजना (टॉप्स) के अंतर्गत खर्चा उठाया गया था। विदेशों में ट्रेनिंग का फायदा पिछले साल मिला जब साबले ने बर्मिंघम में 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता था।
इस साल वह मार्च से ही कोलाराडो स्प्रिंग्स में थे और उन्हें यहां आने से पहले अगस्त के शुरु में स्विट्जरलैंड के सेंट मोरिट्ज में ट्रेनिंग की अनुमति दी गयी थी। साबले ने इस सत्र में तीन डायमंड लीग में हिस्सा लिया था जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ समय पोलैंड के सिल्सी में आया था जिसमें उन्होंने आठ मिनट 11.63 सेकेंड से छठा स्थान हासिल कर काफी पहले 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया था।