पथिराना से बॉलिंग कराने के लिए धोनी अंपायर से चार मिनट तक करते रहे बात, धोनी ने रोके रखा मैच

Update: 2023-05-24 09:13 GMT

आईपीएल: महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स की टीम रिकॉर्ड 10वें आईपीएल फाइनल में पहुंच गई है। मंगलवार को चार बार की चैंपियन सीएसके ने डिफेंडिंग चैंपियंस गुजरात टाइटंस को 15 रन से शिकस्त दी। इस मैच में गुजरात की बल्लेबाजी के दौरान एक ऐसा पल भी आया जब कुछ समय के लिए चेन्नई के खिलाड़ी मैदान में इधर-उधर घूमते दिखे, वहीं धोनी समेत कुछ खिलाड़ी अंपायर से बात करते दिखे थे। इस दौरान करीब चार मिनट तक मैच रुका रहा था। उस वक्त किसी को कुछ समझ नहीं आया था कि क्या हुआ। हालांकि, अब इस मामले पर मीडिया रिपोर्ट्स में कुछ बातें सामने आई हैं।

 दरअसल, यह पूरी घटना गुजरात की पारी के दौरान 16वें ओवर की है। तब जीटी की टीम 15 ओवर के बाद छह विकेट पर 102 रन बना चुकी थी। टीम को अगले पांच ओवर में 71 रन की जरूरत थी। विजय शंकर और राशिद खान क्रीज पर थे। ऐसे में धोनी ने अपने डेथ ओवर के सबसे बेहतरीन बॉलर मथीशा पथिराना को बॉलिंग अटैक में वापस लाने का सोचा। 16वें ओवर से पहले अचानक धोनी स्क्वायर लेग अंपायर के पास पहुंचते हैं और उनसे बात करने लगते हैं। इसके बाद सीएसके के बाकी खिलाड़ी भी धोनी को जॉइन करते हैं।

 धोनी करीब चार मिनट तक अंपायर से बात करते हैं। इस दौरान वहां पथिराना भी आते हैं और धोनी उनसे भी बात करते दिखते हैं। करीब चार मिनट बाद मैच दोबारा शुरू होता है और पथिराना 16वें ओवर में गेंदबाजी करते हैं। दरअसल, 16वें ओवर से पहले पथिराना कुछ समय के लिए मैदान से बाहर गए थे। जब वह मैदान में वापस आए तो खेल के नियम के मुताबिक, उन्हें गेंदबाजी करने से पहले मैदान में कुछ समय गुजारना होता है। पथिराना ने वह समय नहीं गुजारा था। ऐसे में जब धोनी ने 16वें ओवर में पथिराना को गेंद सौंपने का फैसला लिया तो अंपायर ने ऐसा करने से रोका।

इस पर धोनी उस समय को काटने के लिए अंपायर से बातचीत करते रहे और मैच रुका रहा। चार मिनट बाद अंपायर ने धोनी को खेल फिर से शुरू करने की इजाजत दी। पथिराना गेंदबाजी के लिए एलिजिबल हुए और उन्होंने 16वें ओवर में गेंदबाजी की। दरअसल, धोनी स्ट्रैटजी के मुताबिक पथिराना से 16वां, 18वां और 20वां ओवर कराना चाहते थे। पथिराना और तुषार पांडे के अलावा धोनी के पास मुख्य गेंदबाजों के विकल्प मौजूद नहीं थे। ऐसे में धोनी अपने प्लान पर अड़े रहे और अंपायर से काफी देर तक बातचीत करते रहे।

मैच जब दोबारा शुरू हुआ तो सीएसके की टीम पांच मिनट पीछे थी। हालांकि, इसका नुकसान धोनी की टीम को नहीं हुआ और 19वें-20वें ओवर में बाउंड्री पर पांच फील्डर्स रखने की इजाजत मिल गई। सीएसके ने यह मैच 15 रन से अपने नाम किया और टीम 10वीं बार आईपीएल के फाइनल में पहुंची। इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए सुनील गावस्कर ने कमेंट्री बॉक्स में कहा, "आप अंपायर के फैसले को स्वीकार करते हैं। भले ही कभी-कभी हाई प्रेशर वाली स्थितियों में अंपायर गलत हो जाता है।”

विजय शंकर ने मैच के बाद कहा, "मुझे लगता है कि पथिराना कुछ समय के लिए मैदान से बाहर थे और उनके पास मैदान पर आने के लिए बहुत कम समय था। इसलिए मुझे लगता है कि खेल रुक गया था। वहीं, ऋतुराज ने कहा, "मुझे नहीं पता, मैं वहां कुछ गपशप करने गया था (हंसते हुए) लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।" पथिराना ने इसके बाद अपने चार ओवरों का कोटा पूरा किया और शंकर का विकेट भी हासिल किया।

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