ई-कुकिंग से खाना पकाना बेहद किफायती, गैस की कीमतों के बीच बिजली से खाना पकाना हुआ सस्ता
इलेक्ट्रिक कुकिंग आज के दौर में किफायती विकल्प है क्योंकि अगर कोई परिवार पूरी तरह से भी ई-कुकिंग करता है,
घरेलू एलपीजी सिलेंडर (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी ने किचन का बजट पूरी तरह से बिगाड़ दिया है. और यह स्वाभाविक भी है. जब जब रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी होती है. बजट अपने आप गड़बड़ाने लगता है. ठीक वैसे ही जैसे पेट्रोल डीजल के कीमतें बढ़ते ही सब्जियां महंगी हो जाती है. लेकिन अब एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने से ई-कुकिंग का इस्तेमाल बढ़ गया है.
ई-कुकिंग से खाना पकाना बेहद किफायती
दरअसल ई-कुकिंग का मतलब इलेक्ट्रिक उपकरणों की सहायता से खाना पकाना है. लेकिन, CEEW (काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरमेंट और वॉटर) की रिपोर्ट के मुताबिक एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी से लोगों का रुझान ई-कुकिंग की तरफ बढ़ा है. लेकिन उनका खाना पकाने का मेन ईंधन अभी भी एलपीजी ही है. और सिर्फ 29 फीसदी लोग ही कम से कम एक बार ई-कुकिंग करते हैं. LPG के साथ बैकअप के तौर पर लोग ई-कुकिंग कर रहे हैं. बेशक अब इलेक्ट्रिक कुकिंग का खर्चा गैस कुकिंग से कम हो गया है. ऐसे में अगर आगे भी एलपीजी के दाम बढ़ते है तो लोग ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक कुकिंग के जरिए ही सस्ते में खाना पकाने को प्राथमिकता देंगे.
बदलती लाइफस्टाइल ई-कुकिंग के लिए करेगी इंस्पायर
रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में हर 6 में से एक परिवार ई-कुकिंग का इस्तेमाल करता है. इसके तहत पूरा खाना पकाने के लिए नहीं बल्कि, एलपीजी के साथ साथ इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. वो भी इलेक्ट्रिक ओवन, टोस्टर जैसे उपकरण का ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है. सीईईडब्ल्यू की प्रोग्राम लीड शालू अग्रवाल के मुताबिक बढ़ती आय और बदलती लाइफस्टाइल इलेक्ट्रिक कुकिंग को अपनाने के लिए इंस्पायर करेगी. इसके अलावा इसका कितना इस्तेमाल होगा इस बात पर निर्भर करेगा कि यह कितना किफायती है.
ई-कुकिंग बेहतर विकल्प
इलेक्ट्रिक कुकिंग आज के दौर में किफायती विकल्प है क्योंकि अगर कोई परिवार पूरी तरह से भी ई-कुकिंग करता है, तो भी एलपीजी की कीमत से सस्ते में खाना पकाया जा सकेगा. अभी फिलहाल एलपीजी की कीमत 900 रुपये प्रति सिलेंडर है. ऐसे में अगर दोनों की तुलना की जाए. तो बेशक ये किफायती है.