लखनऊ। देश में प्रतिभावान टेनिस खिलाड़यिों की कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए भारतीय डेविस कप टीम के नान प्लेयिंग कप्तान रोहित राजपाल ने सेंटर आफ एक्सीलेंस की जरूरत पर बल दिया। डेविस कप विश्व ग्रुप-2 में मोरक्कों के खिलाफ 16 सितंबर से शुरू होने वाले मुकाबले से पहले पत्रकारों से बातचीत में राजपाल ने गुरुवार को कहा कि टेनिस के क्षेत्र में प्रतिभाओं की आज भी कोई कमी नहीं है मगर जरूरत इन प्रतिभाओं को दिशा दिखाने की है जिसके लिये एक्सीलेंस सेंटर कारगर साबित हो सकते हैं।
इस बारे में केंद्र सरकार के खेल मंत्रालय से आइटा के अधिकारी बातचीत कर रहे हैं। उन्होने कहा कि एक्सिलेंस सेंटर जैसी सुविधा के बिना ज्यादा खिलाड़ी विश्व स्तर पर कमाल नहीं दिखा पा रहे हैं। एक समय में विजय अमृतराज,महेश भूपति,लियेंडर पेस और सानिया मिर्जा का विश्व टेनिस में काफी नाम था मगर आज देश में टेनिस के स्तर में गिरावट आयी है जो निश्चित रूप से इस खेल को पसंद करने वालों को चिंता में डालने वाला है, इसके लिये हमें तत्परता से कदम उठाने होंगे। सेंटर आफ एक्सीलेंस इस दिशा में महती भूमिका निभा सकता है।
टेनिस दिग्गज ने कहा कि आज टेनिस बहुत ज्यादा पेचीदा और विशेषज्ञता वाला खेल हो गया है ऐसे में हमें भी अपनी तैयारी उसी स्तर पर करनी है। इसके लिए सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर पर पैसा खर्च करने से कुछ नहीं होगा बल्कि हमे आज के जमाने की टेनिस खेलने के लिये प्रशिक्षण पद्धति में भी फेरबदल करनी होगी। राजपाल ने कहा कि अब पूर्वी यूरोप और दूसरे देशों को तर्ज पर हमें काम करने की जरुरत है। कुछ दशक पहले तक टेनिस में अमेरिका और स्वीडन का डंका बजता था मगर आज यूरोप के देशों ने यह जगह ले ली है।
डेविस कप के मौजूदा फार्मेट को भी पेचीदा बताते हुए उन्होने कहा कि सभी एशियाई देश इसका विरोध कर रहे हैं। टेनिस के हित के लिये खेल के पुराने फार्मेट को फिर से अपनाना होगा ताकि टूर्नामेट का रोमांच बरकरार रहे। मौजूदा फार्मेट खतरनाक है। उन्होने कहा कि 23 सालों के लंबे अंतराल के बाद नवाब नगरी लखनऊ डेविस कप की मेजबानी कर रही है। यह यहां के खिलाड़यिों के लिये एक अवसर है।