भारत के कप्तान जसप्रीत बुमराह ने एजबेस्टन में पुनर्निर्धारित पांचवें टेस्ट में इंग्लैंड से सात विकेट से हारने के बाद स्वीकार किया कि गेंदबाजी में बेहतर नहीं कर सकें और इस वजह से मैच में इंग्लैंड की स्थिति मजबूत हुई।लगभग तीन दिनों तक मैच पर हावी रहने और पहली पारी में इंग्लैंड को 284 रनों पर समेटने के बाद, भारत ने दूसरी पारी में इंग्लैंड को 378 रनों का लक्ष्य दिया, जिसे मेजबान टीम ने आसानी से सात विकेट रहते हासिल कर लिया। जो रूट (नाबाद 142) और जॉनी बेयरस्टो (नाबाद 114) ने नाबाद 269 रन की साझेदारी कर उन्हें टेस्ट क्रिकेट में अपना सर्वोच्च सफल लक्ष्य हासिल करने में मदद की।
दूसरी पारी में 2/74 विकेट लेने बुमराह को छोड़कर, कोई अन्य भारतीय गेंदबाज 378 के बचाव में योगदान नहीं दे सके। दूसरी पारी में इंग्लैंड की बल्लेबाजी ने भारत की गेंदबाजी लाइनअप को तबाह कर दिया और साथ में रूट-बेयरस्टो संयोजन को रोकने के लिए मेहमानों के लिए मुश्किल बना दिया और सफलतापूर्वक उन्होंने श्रृंखला 2-2 से ड्रॉ कर दिया। बुमराह ने कहा, मुझे लगता है कि कल हम बल्ले से बेहतर नहीं कर सके और हमें गेंद के साथ जल्दी से वापस आना पड़ा। मुझे लगता है कि यही वह जगह है जहां हमने विपक्ष को मैच में पकड़ बनाने दिया और फिर गति हमसे दूर होती रही।
बुमराह को पांच मैचों में 22.47 की औसत से 23 विकेट लेने के लिए भारत का प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया, जो इंग्लैंड में एक टेस्ट सीरीज में किसी भारतीय गेंदबाज द्वारा सर्वाधिक विकेट है। हारने वाली टीम में होने के बावजूद, उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में भारत का नेतृत्व करने का आनंद लिया।उन्होंने कहा, मैं खुद को एक ऑलराउंडर के रूप में नहीं देखता। यह टेस्ट क्रिकेट की खूबसूरती है। भले ही आपके पास तीन अच्छे दिन हों, आपको आगे भी बेहतर करते रहना होगा और अच्छा प्रदर्शन करना होगा। मुझे कप्तानी की जिम्मेदारी पसंद है। यह एक अच्छी चुनौती थी। टीम का नेतृत्व करना सम्मान की बात थी और एक शानदार अनुभव है।