तोड़ा 93 साल पुराना रिकॉर्ड रणजी ट्रॉफी में पृथ्वी शॉ की कप्तानी में मुंबई ने रचा इतिहास,

रणजी ट्रॉफी के दूसरे क्वालीफायर मैच में पृथ्वी शॉ की कप्तानी में मुंबई ने एक बहुत बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम किया है और 725 रनों से जीत दर्ज की।

Update: 2022-06-09 11:40 GMT

तोड़ा 93 साल पुराना रिकॉर्ड रणजी ट्रॉफी में पृथ्वी शॉ की कप्तानी में मुंबई ने रचा इतिहास,स्पोर्ट्स डेस्क : इन दिनों भारत में रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy 2022 ) का क्रेज खूब छाया हुआ है। यहां एक के बाद एक बड़े रिकॉर्ड टूटते जा रहे हैं। बुधवार को पहले बंगाल ने 129 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा और इस टीम के 9 बल्लेबाजों ने अर्धशतक बनाए। तो गुरुवार को पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) की कप्तानी वाली मुंबई में एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया। दरअसल, इस मैच में मुंबई ने उत्तराखंड (Mumbai vs uttarakhand) को 725 रनों के विशाल स्कोर से हराया है। यह क्रिकेट के इतिहास की 93 साल बाद सबसे बड़ी जीत है।

ताश के पत्तों से ढेर हुए उत्तराखंड की टीम

इस मैच में पहले बल्लेबाजी करने उतरी मुंबई की टीम ने 795 रनों का लक्ष्य उत्तराखंड की टीम को दिया था। जवाब में उत्तराखंड की पूरी टीम 69 रनों पर ढेर हो गई। इस मैच में मुंबई के धवल, शम्स मुल्तानी और तनुष कोटिया ने तीन-तीन विकेट चटकाए और मुंबई की जीत में अहम भूमिका निभाई। इसके साथ ही मुंबई की टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई है। सेमीफाइनल मैच 14 से 18 जून के बीच खेला जाएगा।

मुंबई के इन बल्लेबाजों ने खेली ताबड़तोड़ पारी

मुंबई की ओर से बल्लेबाजी करने उतरे सुवे पारकर ने 252 रनों की पारी खेली। इसके अलावा सरफराज खान ने 153 रन बनाए। अरमान जाफर ने 60 रन, शम्स मुल्तानी ने 59 रनों की अहम पारी खेली। वहीं कप्तान पृथ्वी शॉ ने 72 और यशस्वी जयसवाल ने 103 रन अपनी टीम के लिए बनाएं।

मुंबई ने तोड़ा 93 साल पुराना रिकॉर्ड

भारतीय क्रिकेट में अब तक किसी भी टीम ने 725 रनों के विशाल रनों से जीत दर्ज नहीं की है। हालांकि, 93 साल पहले 1929-30 में न्यू साउथ वेल्स ने क्वींसलैंड को 685 रनों से हराकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। लेकिन गुरुवार 9 जून 2022 को पृथ्वी शॉ की कप्तानी वाली मुंबई ने यह रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया।

बंगाल ने तोड़ा 129 साल पुराना रिकॉर्ड

इससे पहले बुधवार को रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में बंगाल ने झारखंड के खिलाफ खेलते हुए 129 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा। इस मैच में बंगाल की टीम के 9 बल्लेबाजों ने अर्धशतक ठोक दिया और 773 रन बनाए। इसके साथ ही उन्होंने 1893 में बनाए रिकॉर्ड को तोड़ दिया, जब संयुक्त विश्वविद्यालयों ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज के खिलाफ प्रथम श्रेणी के खेल के दौर में ऑस्ट्रेलिया की टीम के आठ बल्लेबाजों ने 50 या उससे ज्यादा रन बनाए थे।

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