जनता से रिश्ता वेब डेस्क न्यूज़ :-भारतीय टीम 1 जुलाई से इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम के एजबेस्टन में एकमात्र टेस्ट मैच खेलेगी। यह मैच भारत के नजरिए से काफी अहम होने वाला है। भारत पिछली सीरीज में 2-1 से आगे था जिसका यह पांचवा टेस्ट मैच पिछले साथ स्थगित होने के बाद अब खेला जाएगा। भारत अगर यहं जीतता है या ड्रॉ भी करवाता है तो सीरीज अपने नाम कर लेगा। इंग्लैंड की सरजमीं पर भारत की 15 साल बाद ये पहली और 90 सालों में 19 सीरीज में से सिर्फ चौथी जीत होगी। लेकिन एक चीज जो डराने वाली है वो है भारत का एजबेस्टन का रिकॉर्ड।
भारतीय टीम ने 55 सालों में यानी 1967 से अभी तक इस मैदान पर कुल सात टेस्ट मैच खेले हैं और 1 जुलाई से होने वाला मैच भारत का इस मैदान पर 8वां मुकाबला होगा। पिछले सभी मौकों में से टीम इंडिया को 6 बार हार का ही सामना करना पड़ा है और एक मैच ड्रॉ रहा है। यानी इस मैदान पर भारत एक बार भी टेस्ट मैच जीतने में सफल नहीं रहा है। आखिरी बार भारत ने 2018 में इस मैदान पर टेस्ट मैच खेला था जिसमें उसे 31 रनों से हार का सामना करना पड़ा था।
एजबेस्टन में कभी टेस्ट मैच नहीं जीत पाई है टीम इंडिया
1967: भारतीय टीम इस मैदान पर सबसे पहली बार 1967 में टेस्ट मैच खेली थी। इस मैच की पहली पारी में टीम इंडिया 100 रन तक नहीं बना पाई थी और 92 रनों पर सिमट गई थी। उस वक्त मंसूर अली खान पटौदी टीम इंडिया के कप्तान थे। भारत को 410 रनों का लक्ष्य मिला था और जवाब में टीम 277 रन पर सिमट कर 132 रनों से यह मुकाबला हार गई थी।
1974: टीम इंडिया को अजीत वाडेकर की कप्तानी में 1974 में दूसरी बार इस मैदान पर हार मिली थी। इस मैच में भारतीय टीम पहली पारी में165 पर सिमट गई थी जवाब में इंग्लैंड ने 459 रन बनाए। फिर दूसरी पारी में टीम सिर्फ 216 रन बना पाई थी। इस तरह भारत को यहां पारी और 78 रनों से हार झेलनी पड़ी थी।
1979: वेंकटराघवन की कप्तानी में 1979 में इस मैदान पर टीम को तीसरी बार हार का सामना करना पड़ा था। इस मैच में इंग्लैंड ने पहले खेलते हुए 633 रनों का स्कोर खड़ा किया था। जवाब में भारत फॉलोऑन भी नहीं बचा पाया और 297 व 253 रन पर ही दोनों पारियों में सिमट गया। इस तरह इस मैच में टीम इंडिया को पारी और 83 रनों से हार झेलनी पड़ी।
1986: भारत चौथी बार इस मैदान पर कपिल देव की कप्तानी में 1986 में खेलने उतरा। इस मौके पर टीम मैच को ड्रॉ करवाने में कामयाब रही थी। इस मुकाबले में भारत के मौजूदा सेलेक्टर चेतन शर्मा ने पहली पारी में चार और दूसरी पारी में 6 विकेट लेकर मैच में कुल 10 विकेट अपने नाम किए थे।
2011: भारत को इस मैदान पर सबसे बड़ी हार 2011 में मिली। इंग्लैंड की टीम ने भारत के पहली पारी में 224 के जवाब में 710 रन बनाए। इसके बाद भारतीय टीम दूसरी पारी में 244 पर सिमट गई। इस तरह भारत को पारी और 243 रनों से यह मैच गंवाना पड़ा था।
2018: भारत को आखिरी बार यहां 2018 में 31 रनों से हार झेलनी पड़ी थी। इस मैच में हालांकि विराट कोहली ने 149, 51 रनों की शानदार पारियां खेली थीं। लेकिन दूसरी पारी में भारत 194 रनों का छोटा लक्ष्य भी नहीं चेज कर पाया था और महज 162 पर ऑल आउट हो गया था।