वसीम जाफर के सपोर्ट में उतरे अनिल कुंबले समेत बड़े क्रिकेटर्स, जानें क्या है पूरा मामला
धर्म के नाम पर टीम में चयन के आरोपों से घिरे वसीम जाफर को अब अपनी क्रिकेट बिरादरी से साथ मिलना शुरू हो गया है
धर्म के नाम पर टीम में चयन के आरोपों से घिरे वसीम जाफर को अब अपनी क्रिकेट बिरादरी से साथ मिलना शुरू हो गया है. समर्थन में पहला हाथ भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े मैच विनर अनिल कुंबले ने बढ़ाया तो फिर कारवां बढ़ता ही चला जा रहा है. टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और कोच रहे कुंबले ने सोशल मीडिया के जरिए विवादों में घिरे पूर्व भारतीय ओपनर को अपना समर्थन दिया है.
अनिल कुंबले ने वसीम जाफर के सपोर्ट में ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है- "मैं तुम्हारे साथ हूं, वसीम. बढ़िया किए हो. मुझे तो तरस आ रहा है उन खिलाड़ियों पर जो अब तुम्हारे संरक्षण से वंचित रहेंगे. "
कुंबले के बाद पठान और तिवारी भी आए साथ
अनिल कुंबले के अलावा इरफान पठान और मनोज तिवारी भी जाफर के सपोर्ट में उतर आए हैं. इरफान ने ट्विटर पर लिखा कि मुझे अफसोस है कि इसे लेकर आपको दलीलें देनी पड़ रही है. वहीं क्रिकेटर मनोज तिवारी ने इस पूरे मामले में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात कर दखल देने को कहेंगे.
धर्म के नाम पर टीम चयन का लगा आरोप
टीम इंडिया के पूर्व ओपनर वसीम जाफर के 9 फरवरी को कोच पद से इस्तीफा देने के बाद उत्तराखंड क्रिकेट संघ ने उन पर धर्म के नाम पर टीम चुनने का संगीन आरोप लगाया था. उत्तराखंड क्रिकेट संघ के सचिव माहिम वर्मा ने कहा था कि वो टीम में मुस्लिम खिलाड़ियों को तरजीह देते हैं. इतना ही नहीं जाफर ने खिलाड़ियों को टीम हडल में जय हनुमान और जय श्रीराम जैसे नारे लगाने से भी रोका है.
जाफर ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
हालांकि, भारत के पूर्व टेस्ट ओपनर ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया है. क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि, रामभक्त हनुमान की जय के नारे का कभी इस्तेमाल ही नहीं किया गया. जब हम प्रैक्टिस मैच खेल रहे थे तब ये खिलाड़ी रानी माता सच्चे दरबार की जय का नारा लगाते थे. मैंने कभी उन्हें जय हनुमान और जय श्रीराम का नारा लगाते नहीं सुना. ये एक सिख समुदाय का नारा था और टीम में मौजूद दो सिख सदस्य ये नारा लगाते थे."
पूर्व भारतीय ओपनर ने आगे कहा कि जब हम बड़ौदा पहुंचे तो मैंने उनसे कहा कि हम एक समुदाय के तौर पर नहीं बल्कि उत्तराखंड के लिए खेल रहे हैं. इसलिए हमारा नारा उत्तराखंड के लिए होना चाहिए. इसके लिए हमारा नारा गो उत्तराखंड, लेट्स डू इट उत्तराखंड और कमऑन उत्तराखंड होना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुझ पर जो भी आरोप लगाए गए हैं वो बेबुनियाद है. अगर मेरा नजरिया धर्म और संप्रदाय का होता तो मैं उनसे अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाने के लिए कहता.