बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली ने किया बड़ा खुलासा...वीरेंद्र सहवाग को लेकर बोले यह बड़ी बात
पूर्व भारतीय कप्तान को भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा देने के लिए जाना जाता है।
पूर्व भारतीय कप्तान को भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा देने के लिए जाना जाता है। विदेशी धरती पर आक्रामकता के साथ मैच खेलने का जोश टीम इंडिया में गांगुली ने ही डाला था। पूर्व कप्तान ने शनिवार को बताया कि उनको कप्तानी करते समय अपना साथी खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग से सबसे बड़ा सबक मिला था।
पूर्व भारतीय कप्तान और मौजूदा बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली ने शनिवार को अपनी कप्तानी के शुरुआती सबकों की यादों को ताजा किया। इसमें 2003 में नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल वीरेंद्र सहवाग के साथ की एक घटना भी शामिल है। उन्होंने बताया कि कैसे भारत से विस्फोटक ओपनर में से एक सहवाग ने गांगुली की सोच को बदल दिया।
एक यूट्यूब चैट पर गांगुली ने कहा, 'हम उस फाइनल में 325 का पीछा कर रहे थे। जब हम पारी शुरू करने जा रहे थे तो मैं बहुत निराश और परेशान था, लेकिन सहवाग ने कहा कि हम जीत जाएंगे। हमें अच्छी शुरुआत (12 ओवर में 82 रन) मिली और मैंने उनसे कहा कि हम शुरू से नई गेंद के गेंदबाजों को खेलते आ रहे हैं। इसलिए उन्हें अपना विकेट नहीं गंवाना चाहिए और सिंगल पर फोकस रखना चाहिए, लेकिन रोनी ईरानी अपना पहला ओवर डालने आए और सहवाग ने उनकी पहली ही गेंद पर चौका जड़ दिया।
'मैं उनके पास गया और कहा कि हमें एक बाउंड्री मिल गई है। अब हमें सिंगल्स लेने चाहिए, लेकिन उन्होंने नहीं सुना और दूसरी गेंद पर भी चौका जड़ दिया। उन्होंने तीसरी गेंद भी चार रन के लिए भेजी। मैं बहुत गुस्से में था। उसके बाद उन्होंने पांचवीं गेंद पर भी एक और चौका जड़ दिया।'
गांगुली ने आगे कहा कि जल्द ही उन्हें अहसास हुआ कि सहवाग को रोकने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि उनका स्वाभाविक खेल आक्रामक है। उन्होंने व्यक्ति प्रबंधन को कप्तानी का अहम कारक बताते हुए कहा, 'एक अच्छे कप्तान को खिलाड़ी की सोच को समायोजित करने की जरूरत होती है।'