जिम्बाब्वे दौरे पर अब इस खिलाड़ी को टीम इंडिया का कप्तान बनाने की तैयारी में बीसीसीआई
विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने के बाद भारतीय टीम की कमान 5 खिलाड़ी संभाल चुके हैं। वहीं धवन विंडीज के खिलाफ कप्तानी करने को तैयार है। किसी भी अंतरराष्ट्रीय टीम के लिए यह आदर्श नहीं है
विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने के बाद भारतीय टीम की कमान 5 खिलाड़ी संभाल चुके हैं। वहीं धवन विंडीज के खिलाफ कप्तानी करने को तैयार है। किसी भी अंतरराष्ट्रीय टीम के लिए यह आदर्श नहीं है, मगर परिस्थितियों की वजह से टीम इंडिया के साथ ऐसा हो रहा है। ऐसे में अब खबर आ रही है कि केएल राहुल को जिम्बाब्वे दौरे के लिए कप्तान बनाया जा सकता है। उप-कप्तान केएल राहुल आईपीएल के बाद से ही टीम से बाहर चल रहे हैं। पिछले दिनों जर्मनी में उन्होंने अपनी एक सर्जरी भी करवाई। वेस्टइंडीज दौरे पर उन्हें जगह जरूर मिली है, मगर उन्हें खेलने के लिए फिटनेस टेस्ट पास करना जरूरी होगा।
अगर राहुल फिट होकर विंडीज के खिलाफ खेलते हैं तो उनका जिम्बाब्वे दौरे पर जाना तय होगा। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय क्रिकेट टीम अगले महीने तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए 6 साल में पहली बार जिम्बाब्वे का दौरा करेगी। जिम्बाब्वे क्रिकेट ने ऐलान किया है कि 3 वनडे मैच 18, 20 और 22 अगस्त को हरारे में खेले जाएंगे। यह सीरीज वर्ल्ड कप सुपर लीग का हिस्सा है। केएल राहुल इस दौरे पर टीम इंडिया के कप्तान हो सकते हैं।
वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज की तरह जिम्बाब्वे दौरे पर भी भारतीय सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिया जाएगा जिसमें कप्तान रोहित शर्मा भी होंगे। इसी वजह से उम्मीद जताई जा रही है कि राहुल इस सीरीज में टीम इंडिया को लीड करेंगे।
इस साल टीम इंडिया के कप्तानों की लिस्ट पर नजर डालें तो, कोहली ने साउथ अफ्रीका दौरे पर 1-2 से टेस्ट सीरीज हारने के बाद क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ दी थी। इसके बाद मेजबानों के खिलाफ वनडे सीरीज में केएल राहुल कप्तान बने थे। रोहित ने फिट होकर टीम की अगुवाई की और लगातार कुछ महीने वह कप्तान रहे। आईपीएल के बाद ऋषभ पंत ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टी20 सीरीज में टीम की अगुवाई की, वहीं आयरलैंड के खिलाफ हार्दिक पांड्या को यह जिम्मेदारी मिली। अब वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज में धवन को कप्तान बनाया गया है।
कुछ समय पहले जब बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली से इन बदलावों के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि इतने कम समय में सात अलग कप्तान रखना आदर्श नहीं है लेकिन ऐसा इसलिए हुआ क्याोंकि कुछ अपरिहार्य परिस्थितियां पैदा हुई।